

भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे राष्ट्र नायक , साहस नेतृत्व कौशल और असाधारण वक्ता सुभाष चंद्र बोस की 127वी जयंती मंगलवार को मनाई गई। साल 2021 से भारत सरकार उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मना रही है। सुभाष बाबू ने देश के कुछ हिस्सों में आजाद हिंद फौज के जरिए स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी और इस तरह से वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे। 21 अक्टूबर 1943 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने शपथ ली थी। बामपंथी इतिहासकारो ने उनके साथ बड़ा अन्याय किया और कुछ सत्ता लोलुपों की वजह से वे गुमनामी की जिंदगी गुजारने को विवश हुए। उनकी मृत्यु हमेशा एक रहस्य बनी रही। कांग्रेस में होने के बाद भी जिस तरह से गांधी नेहरू के गुट ने उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने को बाध्य किया, उसने देश के लिए दुर्भाग्य लिख दिया। अगर सुभाष चंद्र बोस कांग्रेस के अध्यक्ष होते तो कभी भी देश का बंटवारा नहीं होता। अपने दौर में उनसे अधिक प्रभावशाली नेता कोई दूसरा नहीं था, इसीलिए उनसे कमतर नेताओं को उन्हें हटाने के लिए साजिश करनी पड़ी।

यह बातें छत्तीसगढ़ बंगाली समाज द्वारा तोरवा स्थित बंगाली भवन में आयोजित नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती के अवसर पर कही थी।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ बंगाली समाज ने धूमधाम से देश के गौरव नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती बंगाली भवन में धूमधाम से मनाई। इस अवसर पर नेताजी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके योगदान का स्मरण किया गया। इस अवसर पर समाज के संरक्षक ए के गांगुली ,छत्तीसगढ़ बांग्ला एकेडमी की संयोजक श्रीमती नमिता घोष, सचिव गोपाल मुखर्जी द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर विस्तार से वक्तव्य दिया गया। इस विशेष अवसर पर पियाली घटक , अचिंत कुमार बोस, गोपाल मुखर्जी द्वारा गायन एवं कविता पाठ किया गया । नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिंदाबाद के नारे लगाए गए।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ बंगाली समाज के प्रदेश महासचिव पल्लव धर , ए के गांगुली, नमिता घोष, गोपाल मुखर्जी, सुब्रतो चट्टोपाध्याय, अचिंत कुमार बोस, परितोष बसाक , ए के शर्मा , उज्जवल अधिकारी, विजय कुमार दास, महिला विंग की अध्यक्ष पूर्ति धर, महासचिव कल्पना डे, उपाध्यक्ष प्रणति बारिक, उपाध्यक्ष अरुंधति मुखर्जी, रीना गोस्वामी , अनामिका चक्रवर्ती, सीमा बोस, चंद्र चक्रवर्ती ,पीयाली घटक ,काकुली गुप्ता , गीता दत्त, भाग्यलक्ष्मी, शिव कुमारी , मनीष शाह, रामखेलावन, बसंत पटेल, गजेंद्र निर्मलकर, राजेश सूर्यवंशी, श्रीनिवास राव , तापस सरकार सहित समाज के लोग उपस्थित थे।
