
प्रवीर भट्टाचार्य



चंद्रकांता के अनुसार राजाओं के जमाने में अय्यार अपना रूप बदलने में माहिर हुआ करते थे। बाद में यही बहरूपिया अपनी कला का प्रदर्शन कर जीविकोपार्जन करने लगे ,लेकिन बहरूपिया का एक अद्भुत रंग हर वर्ष चिरमिरी में नजर आता है, जिसने यह नहीं देखा वह इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता। विगत 6 वर्षों की तरह इस वर्ष में पहाड़ों की नगरी चिरमिरी में यूथ क्लब द्वारा बहरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पहाड़ो की उतार-चढ़ाव वाली हल्दीबाड़ी बाजार की संकरी गलियों में अद्भुत ही नजारा था।


कोई बंदर बन कर घूम रहा था तो कोई डायन बनी हुई थी। किसी ने टोनही प्रथा पर प्रहार करते हुए भूत प्रेत की शक्ल बनाई रखी थी तो कोई राम और कृष्णा के रूप में नजर आया। किसी ने तो क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का ही रूप धर लिया था। यहां चंद्रयान से लेकर सिकंदर और कांतारा भी नजर आए, लेकिन इस बार की बहरूपिया प्रतियोगिता में अपेक्षा अनुरूप राम मंदिर का विषय छाया रहा। पूरी प्रतियोगिता में भगवान राम की छवि स्पष्ट नजर आई। बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भगवान श्री राम का स्वरूप बना रखा था। नन्हे से प्रभु राम और शबरी ने सबको आकर्षित किया तो वही श्री राम मंदिर, राम दरबार और विशाल काय हनुमान जी भी छा गए। डेढ़ सौ से अधिक प्रतिभागियों ने इस बहरूपिया प्रतियोगिता 2024 में हिस्सा लिया। हमेशा की तरह चार स्थानों पर निर्णायक प्रतिभागियों का बारीकी से निरीक्षण करते रहे तो, वही मोबाइल निर्णायक घूम-घूम कर प्रतिभागियों की कला का आकलन करते दिखे।

अपने आप में यह अद्भुत प्रतियोगिता है जो शायद ही कहीं और नजर आती होगी जिसमें भाग लेने के लिए केवल आसपास ही नहीं बल्कि धमतरी और रायपुर से भी प्रतिभागी हर वर्ष आते हैं। और ऐसा हो भी क्यों ना ? क्योंकि इस प्रतियोगिता के विजेताओं पर पुरस्कारों की बारिश जो की जाती है। आयोजन समिति द्वारा किसी भी प्रतिभागी को निराश नहीं किया जाता । सभी को सांत्वना पुरस्कार दिया जाता है, साथ ही एकल और समूह में पुरस्कारों की वर्षा कर दी जाती है। एक-एक विजेता को ढेरो इनाम दिए जाते हैं, जिसमें मोटरसाइकिल से लेकर साइकिल, टीवी से लेकर फ्रिज, कूलर ,अलमारी, वाशिंग मशीन, सोफासेट और न जाने क्या कुछ होता है। यही कारण है कि इस प्रतियोगिता के प्रति प्रतिभागियों का उत्साह हर साल बढ़ता जा रहा है और बढ़ती जा रही है इन्हें देखने वालों की भीड़ भी।

यही कारण है कि दोपहर बाद से ही सड़कों पर जनसमूह उमड़ पड़ा। सड़क पर चलने की जगह नहीं थी और इसी भीड़ में प्रतिभागी कभी ऊपर से नीचे तो कभी नीचे से ऊपर लगातार चलते और अपनी कला का प्रदर्शन करते रहे, जिसे देखने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल भी हमेशा की तरह पहुंचे और कलाकारों का जमकर उत्साहवर्धन किया।

यूथ क्लब चिरमिरी द्वारा प्रतियोगिता के पश्चात संध्या को पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया , जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल, डॉक्टर राजीव, योगेश लाम्बा आदि शामिल हुए, जिनके द्वारा प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया गया । नन्हे प्रभु श्रीराम और शबरी की जोड़ी में सबका मन मोह लिया जिन पर पुरस्कारों की बारिश कर दी गई तो वहीं एकल और समूह के अलग-अलग विजेताओं को भी ढेरों पुरस्कार प्रदान किए गए। प्रथम पुरस्कार के रूप में विजेता को चमचमाती मोटरसाइकिल प्रदान की गई तो वही उम्मीद की गई कि अगले वर्ष प्रथम पुरस्कार के तौर पर कार प्रदान की जाएगी।

आमतौर पर लोगों ने बहुरूपिया को भिक्षाटन करते ही देखा है। बहरूपिया भी एक कला है जिसे कला के तौर पर महेंद्रगढ़ और चिरमिरी के आसपास वृहद मंच प्रदान किया गया है, जहां पिछले 7 सालों से एक सफल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी ख्याति साल दर साल बढ़ती जा रही है। इस वर्ष भी रिकॉर्ड संख्या में प्रतिभागियों ने इसमें भाग लिया, जिनका समर्पण और उत्साह दोनों स्पष्ट नजर आया। बड़ी संख्या में पहुंची भीड़ ने भी उनका जमकर उत्साह वर्धन किया।

