


अपना खुद का आशियाना हो, यह हर किसी का सपना होता है। लोग जिंदगी भर की जमा पूंजी खर्च कर चैन से जीवन गुजारने के लिए अपना घर बनाने का प्रयास करते हैं। ऐसे में अगर इस कोशिश के दौरान हैं कोई उन्हें ठग ले जाए और जिंदगी भर की जमा पूंजी खर्च करने के बाद भी अपना घर ना हासिल हो तो फिर उन पर क्या गुजरती है यह भुक्तभोगी ही समझ सकता है। ऐसा ही कुछ करैहा पारा रतनपुर निवासी सूरज कुमार घोष के साथ भी हुआ। सूरज की मुलाकात साल 2019 में जोरापारा सरकंडा निवासी अतुल परिहार से हुई थी, जो मकान बनाकर बेचने का व्यवसाय करता है। अतुल ने 3 बीएचके मकान बनाकर देने का सौदा सूरज कुमार घोष के साथ किया। दोनों के बीच 28 लाख रुपए में सौदा हुआ। एग्रीमेंट के बाद सूरज ने बैंक से लोन लेकर 19 लाख 80 हज़ार रुपये अतुल को दे दिए।
अतुल ने अपनी चाची संतोषी परिहार के नाम दर्ज अरविंद नगर बंधवापारा की 760 वर्ग फीट जमीन सूरज और उसकी मां के नाम पर रजिस्टर कराया लेकिन उसके बाद उसकी नियत बदल गई और उसने मकान बना कर देने से इंकार कर दिया। इस बात को लेकर दोनों के बीच लंबे वक्त से विवाद चल रहा था, जिसके बाद सूरज घोष ने 30 सितंबर 2022 को सरकंडा थाने में अतुल परिहार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन रिपोर्ट दर्ज होते ही अतुल परिहार फरार हो गया । साइबर सेल की मदद से सरकंडा पुलिस को पता चला कि अतुल जांजगीर में मौजूद है । इसके बाद एक टीम जांजगीर पहुंची और जोरापारा सरकंडा निवासी 41 वर्षीय अतुल परिहार को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया ।
इधर सरकंडा पुलिस ने बहला-फुसलाकर भगा ले गए नाबालिग किशोरी को भी मध्यप्रदेश के पन्ना से बरामद किया है। नाबालिक के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि 2 मार्च की रात करीब 9:00 बजे उनकी बेटी घर में किसी को बिना बताए कहीं चली गई है। परिजनों को पूरा शक था कि उनकी बेटी को कोई बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपी और अपहृत बालिका की तलाश कर रही थी। साइबर सेल की मदद से पुलिस को पता चला कि किशोरी पन्ना में मौजूद है।इसके बाद एक टीम मध्यप्रदेश के पन्ना पहुंची। 2 दिनों तक कैंप लगाकर पन्ना जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में किशोरी का फोटो दिखाकर उसकी तलाश की जाती रही। बेनीसागर तालाब के पास पन्ना में आखिरकार अपहृत किशोरी मिल गई। पुलिस ने उसे सुरक्षित बरामद कर परिजनों के सुपुर्द किया है।
