

आकाश दत्त मिश्रा

बिलासपुर में स्ट्रीट डॉग की बढ़ती संख्या चिंता का सबब है। इस पर अंकुश लगाने के लिए दुर्ग की कंपनी एनिमल वेलफेयर सोसाइटी को कुत्तों की नसबंदी का ठेका दिया गया है। बिलासपुर में 2500 डॉग की नसबंदी का टारगेट है। इसके लिए कंपनी के कर्मचारी शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में कुत्तों को पकड़कर गोकुलधाम ले जाते हैं जहां उनकी नसबंदी की जाती है, क्योंकि कुत्तों के प्रजनन क्षमता पर अंकुश लगाने का यही एकमात्र उपाय है। लेकिन इस दौरान अक्सर आम लोगों के साथ कर्मचारियों का टकराव भी देखा गया है।
ऐसा ही कुछ गुरुवार को भी हुआ, जब नसबंदी के मकसद के लिए नगर निगम के कर्मचारी राजेंद्र नगर मेन पोस्ट ऑफिस, राजेन्द्र नगर इलाके में पहुंचे। यहां बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते रहते हैं जिन्हें नसबंदी के लिए पकड़ा जा रहा था।
इस इलाके में जन्म लेने वाले कुछ कुत्तों के प्रति स्वाभाविक रूप से स्थानीय लोगों का प्रेम है। वे उन्हें बचपन से भोजन देते हैं साथ ही दुलार भी करते हैं। इन्हीं में से एक मीरा बोरकर का परिवार भी है, जिन्होंने घर के सामने बैठने वाले कुत्ते का नाम भी रख दिया था। उनका कहना है कि सभी कुत्ते बेहद शांत स्वभाव के हैं और इनसे मोहल्ले वासियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होती। मीरा बोरकर और उनके परिवार का आरोप है कि 29 दिसंबर को जब राजेंद्र नगर क्षेत्र में स्ट्रीट डॉग को पकड़ने कर्मचारी पहुंचे तो उन्हें बेरहमी से जाली में फंसा कर घसीटते हुए काऊ केचर तक ले जाया जा रहा था, इसका उन्होंने और अन्य लोगों ने विरोध किया तो कर्मचारी विवाद करने लगे। बोरकर परिवार ने उनके पालतू कुत्ते को छोड़ने की बात कही तो गुस्से में कर्मचारी ने उस कुत्ते को कथित रूप से पटक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

इस घटना से आहत मीरा बोरकर ने सिविल लाइन थाने में लिखित शिकायत देते हुए मृत स्वान के पोस्टमार्टम की अनुमति देने की मांग की है। ताकि वह दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करा सके। मीरा बोरकर का परिवार अपने दरवाजे पर बैठने वाले स्ट्रीट डॉग ढोढ़ीया से इस कदर घुलमिल गया था कि वह उनके परिवार के सदस्य की तरह ही था। नसबंदी के इरादे से उसे पकड़ कर ले जाने का उन्होंने विरोध किया, लेकिन उन्हें क्या पता था कि इस विरोध की वजह से उसकी जान चली जाएगी। मीरा बोरकर की पहल पर मृत स्ट्रीट का पोस्टमार्टम किया गया है। अगर उसकी मौत की पुष्टि मीरा बोरकर के आरोपों से मिलते हैं तो मीरा बोरकर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत डॉग कैचर टीम के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगी। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगी।
इस शहर में ऐसे भी सैकड़ों लोग हैं जो सड़क पर घूमने वाले आवारा कुत्तों से परेशान रहतेहैं ।एक तरफ यह कुत्ते रात और दिन भर भौंकते हैं और पॉटी कर गंदगी फैलाते हैं। दूसरी तरफ कई मर्तबा इनके द्वारा लोगों को काट लिया जाता है जिससे रेबीज का खतरा होता है। लेकिन इसी शहर में ऐसे भी लोग हैं जिनके लिए स्ट्रीट डॉग दुलारे हैं और उनको किसी तरह की तकलीफ वे बर्दाश्त नहीं कर सकते। मीरा बोरकर का परिवार भी उन्हीं में से एक है, जो उनके प्यारे स्ट्रीट डॉग ढोढ़ीया की मौत से आहत है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग कर रहा हैं।

