शेयर ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच दिखाकर ठग लिए 44 लाख रुपए, साइबर फ्रॉड को फर्जी तरीके से सिम उपलब्ध कराने वाला कंपनी का कर्मचारी हुआ गिरफ्तार

जब भी नया मोबाइल सिम खरीदने या पोर्ट कराने जाए तो अतिरिक्त सावधानी बरते, क्योंकि मोबाइल कंपनी के कर्मचारी आपको धोखा देकर दो बार आपका फिंगरप्रिंट लेकर आपके साथ धोखाधड़ी कर सकते हैं । इसी तरह से फर्जी सिम हासिल कर 44 लाख रुपए की ठगी के लिए सिम उपलब्ध कराने वाले कर्मचारी को रायपुर रेंज साइबर थाना ने गिरफ्तार किया है।
गोल्डन टावर अमलीडीह न्यू राजेंद्र नगर रायपुर में रहने वाले संजय वर्मा से व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने का झांसा देकर ठगों ने 44 लाख रुपए की ठगी की थी। सूचना के बाद एक तरफ जहां पुलिस ने अलग-अलग खातों में ट्रांसफर 13 लाख रुपए को बैंक में होल्ड कराया तो वही तकनीकी सहायता से जानकारी हासिल की कि संजय वर्मा को जिस मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप कॉल किया गया था वह किसका है। यह नंबर कुथरेल दुर्ग निवासी परमेश्वर के नाम निकली, जिससे पूछताछ की गई तो उसे इस नंबर के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी, लेकिन उसने बताया कि 14 फरवरी 2024 को उसने अपने एक नंबर को पोर्ट कराया था। इसके लिए कंपनी के एजेंट विक्की देवांगन ने दो बार फिंगरप्रिंट का स्कैन करवा लिया था। फिर एक एक्स्ट्रा सिम उनके नाम से एक्टिव कर उसे ठगो को अधिक रकम लेकर बेच दिया था। इस अपराध में पुलिस ने आरोपी आमापारा बघेरा दुर्ग निवासी विक्की देवांगन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने इस मामले में दो मोबाइल जप्त किए हैं और 13 लाख रुपए बैंक खाता में होल्ड कराया है।

इस तरह से रहे सचेत

पुलिस ने आम लोगों को सचेत करते हुए कहा कि कभी भी नया सिम खरीदने या पुराना नंबर पोर्ट कराने से पहले ध्यान दें कि कंपनी का कर्मचारी आपसे दो बार फिंगरप्रिंट स्कैन तो नहीं करा रहा । तो वही व्हाट्सएप ग्रुप या टेलीग्राम ग्रुप में एड कर अधिक मुनाफा कमाने का ऑफर दिया जाए तो तुरंत उस ग्रुप को छोड़ दे । ऐसे लोगों का पूरा गिरोह ग्रुप में होता है जो इस ट्रेडिंग में मुनाफा होने के झूठे पोस्ट कर लोगों को शिकार बनाते हैं, इसलिए अनजान व्हाट्सएप ग्रुप, टेलीग्राम ग्रुप के ऐसे पोस्ट पर रिएक्ट करने की बजाय तुरंत ग्रुप छोड़ देना चाहिए, तो वही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या मुंबई स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े ग्राफ चार्ट पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि यह सब कुछ फर्जी तरीके से बनाया जा सकता है । सेबी में रजिस्ट्रेशन नंबर चेक करना भर पर्याप्त नहीं है, आप जिस बैंक खाता में यूपीआई आईडी में पेमेंट करने वाले हैं उसे भी वेरीफाई करना जरूरी है, तो वही साइबर फ्रॉड होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करने की भी बात कही गई है।

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