

क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रकम 6 महीने में दुगनी करने का झांसा देकर महिला से 30 लाख 25 हजार रुपये की ठगी मामले में आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दी है। रायपुर के शांति नगर में रहने वाली ललित सोना कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस में काम करती है । पिछले साल उसके पास महासमुंद से तेज कुमार पूरी, समीर मिश्रा और सत्यवती दुबे आए, जिन्होंने कहा कि वे बेंगलुरु की चेन मार्केटिंग कंपनी के अधिकारी हैं । उनकी कंपनी क्रिप्टोकरंसी में निवेश करती है । क्रिप्टोकरंसी में निवेश पर 6 माह मे रकम दुगनी होने का झांसा देकर महिला से 3,25,000 निवेश करा लिए गए। वायदे के अनुसार यह रकम छह माह में दुगनी होनी थी। बीमा कर्मी ललित सोना ने कर्ज लेकर क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया था। उसने अलग-अलग लोगों के खाते में रकम डाले थे। 6 माह का समय पूरा होने पर जब ललिता सोना ने फोन लगाना शुरू किया तो सबके मोबाइल नंबर बंद मिले। हालांकि उनके व्हाट्सएप नंबर चालू थे।

ललिता सोना ने उनसे व्हाट्सएप नंबर पर भी संपर्क का प्रयास किया लेकिन किसी ने संपर्क नहीं किया, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया। इस मामले में पुलिस में तेज कुमार पूरी, प्रेमलाल प्रधान, बालेश्वर प्रधान, चेतन कुमार साहू, घासीदास मानिकपुरी , सत्यवती दुबे, तेजराम देवांगन, किशोर कुमार, समीर कुमार मिश्रा, अर्खित दास और राकेश गुप्ता के खिलाफ शिकायत की गई है, जिन्हें ललिता ने रकम दी थी। तेलीबांधा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कर लिया लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। आरोपियों ने निचली अदालत से अग्रिम जमानत का प्रयास किया, जिसके खारिज होने पर उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हाई कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी। यह भी बताया जा रहा है कि आरोपी पीड़ित महिला को ही इस मामले में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं।
इधर पीड़ित ललिता सोना का कहना है कि उसके साथ सवा 30 लाख की ठगी करने वाले आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही। ललिता सोना ने हाई कोर्ट से आरोपियों की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज हो जाने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग दोहराई है।
