17 दिसंबर, दिन रविवार, समय शाम 4 बजे श्री कोदंडा रामालय एवं श्री बालाजी मंदिर में अयोध्या से आये पूजित अक्षय कलश का होगा भव्य स्वागत समारोह

बिलासपुर, रेल्वे परिक्षेत्र, एन.ई.कालोनी में स्थित श्री कोदंडा रामालयम एवं श्री बालाजी मंदिर में धनुर्मास धार्मिक अनुष्ठान पूजा दिनांक 17 दिसंबर 2023, दिन रविवार से 13 जनवरी 2024, दिन रविवार तक हर दिन ब्रम्हमुहूर्त में सुबह 5 बजे से सुबह 6:30 बजे श्री गोदादेवी मां का कुमकुम पूजा किया जावेगा। यह 30 दिनों तक मूल मूर्ति भगवान विष्णु जी का अभिषेकम् नहीं किया जाता है। धनुर्मास माह की पूजा करवाने हेतू लगभग 200 भक्तों ने अपना नाम, गोत्र पुजारी जी के पास लिखवा दिये। धनुर्मास के समापन दिनांक 14 जनवरी 2024, दिन रविवार को सुबह 5 बजे पंचामृत से महाभिषेकम् किया जावेगा। सुबह 09 बजे श्री गोदादेवी मां का सामूहिक कल्याणम पूजा एवं तत्पश्चात महाप्रसाद वितरण किया जावेगा। भारत के दक्षिण भाग में यह तीस दिवसीय त्यौहार विस्तार से मनाया जाता हैं. धनुर्मास तीस दिनों का त्यौहार होता है, जिसमे खासतौर पर भगवान विष्णु की उपासना की जाती हैं. यह त्यौहार खासतौर पर दक्षिण भारत में मनाया जाता हैं. भक्ति के भाव को जगाने के लिए इस महीने में धार्मिक कर्मो के अलावा अन्य कार्यो जैसे शादी मुंडन आदि को करना निषेद माना जाता है. जिससे मनुष्य का मन विचलित न हो और वो पुरे मन से ईश्वर उपासना करें. इस प्रकार पुराणों के अनुसार इन दिनों शादी की कोई उपयुक्त तिथी नहीं निकलती. भगवान वैकुंठ नाथ की पूजा का महत्व होता है, इसलिए इन दिनों में आने वाली एकादशी को वैकुण्ठ एकादशी कहा जाता हैं इस दिन का धनुर्मास ने सर्वाधिक महत्व होता हैं.इन दिनों सूर्योदय से पहले उठकर स्नान किया जाता हैं और सूर्य उदय के आधे घंटे पहले पूजा की जाती हैं. इसे ब्रह्ममुहूर्त में होने वाली पूजा कहा जाता हैं। इन दिनों विष्णु भगवान के श्लोको का उच्चारण किया जाता हैं.इन दिनों विष्णु की उपासना हजार वर्षों की उपासना के समान मानी जाती हैं.इस पुरे मास वेंकटेश स्त्रोत का पाठ किया जाता हैं.मंदिरों में वेंकट आरती की जाती हैं. इन दिनों गरीबो एवम ब्राह्मणों को दान दिया जाता हैं. धनुर्मास का महीना धार्मिक सेवाओं के लिए बहुत खास महीना माना जाता है। जो भी भक्तजन एक माह चलने वाले धनुर्मास पूजा-अनुष्ठान करवाना चाहते हैं तो मंदिर के पंडित जी से 301/- रुपया का रशीद कटवा कर अपना नाम, गोत्र एवं नक्षत्र लिखवा सकते हैं। 22 जनवरी को प्रभु श्री राम लल्ला की बाल स्वरूप मूर्ति की स्थापना अयोध्या में होगी। पूरे हिंदुस्थान में अयोध्या से निकले निमंत्रण के रूप में अयोध्या से आये पूजित अक्षय कलश की भव्य शोभा यात्रा 17 दिसंबर, दिन रविवार, दोपहर 2 बजे, स्थान श्री राम मंदिर तिलक नगर से शुरू होकर, प्रभु श्री राम लल्ला की समापन स्वागत समारोह रेल्वे परिक्षेत्र, एन.ई.कालोनी में स्थित श्री कोदंडा रामलयम एवं श्री बालाजी मंदिर में भव्य स्वागत के साथ समापन किया जावेगा। सभी भक्तों से निवेदन है कि इस समापन स्वागत समारोह में उपस्थित होकर प्रभु श्री राम लल्ला की आर्शीवाद प्राप्त करें। पूजा अर्चना, धार्मिक अनुष्ठान, विधि-विधान एवं सुचारू रूप से करवाने हेतू मंदिर प्रबंधक समिति के सदस्य जिसमें सर्वश्री आर.वीरास्वामी (अध्यक्ष), पट्नायक विपिन प्रसाद (कार्यवाहक अध्यक्ष), एस. साई. भास्कर (सचिव), जी.रविकन्ना (सह सचिव), पी.धर्मा राव (कोषाध्यक्ष), ई. सिम्माचलम (सह कोषाध्यक्ष), पंच प्रबंधक सदस्य - बी. शंकर राव, एल श्रीनिवास, प्रभाकर राव, जी. एस. प्रकाश, टी. राजेश एवं अन्य समाज के सम्मानीय जन इस धार्मिक अनुष्ठान को सफल किया गया।

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