गोलू कश्यप
500 वर्षों से अधिक के संघर्ष के बाद अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार है। आगामी 22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए सभी सनातनियों को आमंत्रित करने के लिए अयोध्या के संतो द्वारा पूजित अक्षय कलश की शोभायात्रा देश भर में निकाली गई है। शुक्रवार को रायपुर से मुंगेली होते हुए यह कलश शोभायात्रा के रूप में बिलासपुर पहुंची। बिलासपुर के तिफरा काली मंदिर के पास हिंदू संगठनों से जुड़े पदाधिकारी और सनातनियों ने उस रथ का पुष्प वर्षा, ढोल ताशा और आतिश बाजी के साथ स्वागत किया जिसमें अक्षत कलश विराजमान था।
संत समाज द्वारा श्री राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पूर्व आमंत्रण के लिए अयोध्या से पूजित अक्षत पीले चावल कलश यात्रा शुक्रवार को बिलासपुर पहुंची। तिफरा में इस कलश यात्रा के भव्य स्वागत के बाद वहां से शोभा यात्रा निकाली गई । यश शोभा यात्रा शहर भ्रमण करते हुए तिलक नगर स्थित श्री राम मंदिर पहुंची। जहां सभी श्रद्धालुओं ने पवित्र अक्षत कलश को अपने सर पर धारण किया। अब इस अक्षत को छोटे-छोटे कलशो में भरकर सभी प्रखंडों में भेजा जाएगा, जहां से प्रखंड प्रभारी घर- घर जाकर अक्षत वितरित करते हुए सभी को निमंत्रण देंगे।
कब जाए अयोध्या
सैकड़ो वर्षों की साधना पूर्ण होते करते हुए 22 जनवरी को अयोध्या जी में प्रभु राम लला के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसमें राजनीति जगत के चुनिंदा व्यक्तियों के अतिरिक्त संत समाज शामिल होगा। इसके बाद भी लगातार सीमित संख्या में ही विशेष व्यक्तियों को दर्शन दिया जाएगा। मार्च महीने के बाद से ही आम श्रद्धालु दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच पाएंगे। इससे पहले हालांकि 4 फरवरी को छत्तीसगढ़ से श्रद्धालुओ का एक दल अयोध्या पहुंचेगा, जहां 6 को रामलला के दर्शन के बाद में 7 फरवरी को वे वापस लौटेंगे।
संतो ने कहा कि इस दिन हर घर दिवाली मनाते हुए सभी घरों में दीपक प्रज्वलित किया जाए। सनातनी परंपराओं में पीले चावल के साथ आमंत्रण देने की पुरानी परंपरा है ।अयोध्या में जब श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है तो देश भर में सनातनियों को इसका निमंत्रण देने के लिए वही पीले चावल यानी अक्षत की कलश यात्रा निकाली गई है। बिलासपुर पहुंचने पर भी जगह-जगह इस अक्षत कलश शोभायात्रा का ढोल ताशा , आतिशबाजी और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर डॉक्टर ललित मखीजा ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि आज हम उन पूजित अक्षतों का स्वागत कर रहे हैं जिनका प्रयोग अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के समय किया गया था। हमें बहुत संघर्ष और लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी, उसके बाद यह सौभाग्य भरा दिन प्राप्त हुआ है। इस पूजित अक्षत को बिलासपुर के श्री राम मंदिर के अतिरिक्त अन्य मंदिरों में भी संरक्षित रखा जाएगा। सभी को निमंत्रण देने का कार्य 1 जनवरी से आरंभ किया जाएगा, जिसे 15 जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य है। 24 जनवरी के बाद आमजन के लिए मंदिर खुल जाएगा। तब रामलला के दर्शन के श्रद्धालु अयोध्या पहुंच सकते हैं, लेकिन वहां मार्च से पहले जाना उचित नहीं होगा, क्योंकि मार्च तक श्रद्धालुओं की बुकिंग हो गई है और अयोध्या में ना तो ठहरने का स्थान है ना ही दर्शन लाभ प्राप्त होने की संभावना। इसलिए सभी से आग्रह किया गया है कि वे मार्च के बाद ही अयोध्या तीर्थ यात्रा का कार्यक्रम बनाएं । इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल , भारतीय जनता पार्टी और अन्य हिंदू संगठनों से जुड़े लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।