बिलासपुर:-भारतीय संस्कृति में वैसे तो हर पूर्णिमा को कोई ना कोई त्यौहार और उत्सव मनाया जाता है लेकिन शरद पूर्णिमा के उत्सव को चंदा से बरसे अमृत रूपी खीर को खाकर और गीत संगीत के द्वारा मनाया जाता है।इसी तारतम्य में बिलासा कला मंच अपने गौरवशाली 31 वर्ष के शरद उत्सव को बड़े ही रोचक और शानदार तरीके से मनाया।बिलासपुर से 40 किलोमीटर दूर ग्राम खजरी, सरगांव में ऑर्गेनिक खेती करने वाले बिलासा कला मंच के संयोजक यश मिश्रा के शिवनाथ नदी के किनारे बने कृषि फ़ॉर्म हाउस में शारदीय आकाश में स्वच्छ चांदनी और शीतल निर्मल चांद के आगोश में मनाया गया।
बिलासा कला मंच के संस्थापक डॉ सोमनाथ यादव के निर्देशन में पदाधिकारी एवम् सदस्यों ने हनुमान फल,दशरथ फल,रामफल, आम आदि पौधों का रोपण कर पर्यावरण के प्रति अपनी जागरूकता दिखाई, वही फॉर्म हाउस में बने गौशाला में रह रहे गौ माताओं की पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात महिलाओं द्वारा आयोजित हाऊजी खेल को सभी लोगो ने खूब आनंद लिया। कार्यक्रम में मंच के संरक्षक विश्वनाथ राव एवम् एस के पासवान, एस चंद्रशेखर,रश्मि गुप्ता,पी वी शेखर,कुमारी कामाक्षी लता आदि की कलाकारों द्वारा कराओके से सुमधुर गीत संगीत की लहरियां बिखेरे जिसका आनंद लोगों ने नाच गाकर उठाया।
मंच के संरक्षक चंद्रप्रकाश देवरस, केवलकृष्ण पाठक, अध्यक्ष महेश श्रीवास, संयोजक रामेश्वर गुप्ता ने गीत, चुटकुला सुना कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाया। स्वादिष्ट भोजन उपरांत अमृत रूपी खीर खाकर कार्यक्रम का समापन हुआ। इस आयोजन में बिलासा कला मंच के पदाधिकारी,सदस्यगण में सर्वश्री चंद्रप्रकाश देवरस,राघवेंद्रधर दीवान,डॉ सुधाकर बिबे, महेश श्रीवास,के के पाठक,रामेश्वर गुप्ता,दिनेश्वर राव जाधव,जी आर चौहान,आनंदप्रकाश गुप्त,अश्विनी पांडे,अनूप श्रीवास, महेश भार्गव, मनीष गुप्ता, विनोद गुप्ता, महेंद्र गुप्ता,सुनील तिवारी,शत्रुघ्न जैसवानी, मनोहरदास मानिकपुरी,चतुर सिंह,दुखभंजन सिंह, मंगलेश पांडे,ओमशंकर लिबर्टी,थानुराम लसहे, श्यामकार्तिक,डॉ प्रदीप निरनेजक, गोपाल यादव,देवानंद दुबे जहां सपरिवार उपस्थित रहे वही ग्रामवासी भी शरद पूर्णिमा उत्सव में सहभागी बने।