

बिलासपुर में एक अनूठा सावन उत्सव आयोजित किया गया, जहां 90 और 91 साल की बुजुर्ग महिलाओं को सावन सुंदरी घोषित किया गया। बुजुर्ग हमारे परिवार और समाज के आधार स्तंभ है लेकिन वृद्धावस्था में अक्सर इन्हें हाशिये पर डालकर परिवार इन्हें विस्मृत कर देता है। यही कारण है कि बिलासपुर की महिला सेवा सत्संग समूह ने बुजुर्ग महिलाओं के लिए विशेष सावन उत्सव का आयोजन किया, यहां उन्हें मुख्य धारा से जोड़ते हुए उनका आत्म गौरव बढ़ाने का प्रयास किया गया।
मातृ शक्ति का सावन उत्सव
गुरु विहार महिला सेवा सत्संग समूह, सरकंडा, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के द्वारा एक बहुत ही सराहनीय और गौरव पूर्ण पहल की गई। समूह की संस्थापिका डॉ सुषमा पंड्या के पहल से उनके निवास स्थान में सुंदरकांड का पाठ, भजन कीर्तन के आयोजन के साथ ही मातृ शक्ति का सम्मान के साथ उन्हें सावन सुंदरी का ताज पहनाया गया।
संस्थापिका की यह पहल उनकी सेवाभाव और उच्च शिक्षा ,उच्च विचार का परिणाम है कि ” हम बहुएं और बेटियाँ सोलह श्रींगार करके बड़ी धूमधाम से सावन उत्सव मनाते हैं, लेकिन इन वृद्ध सासु माँ और माँ को इस उत्सव में शामिल नहीं करते और इन माताओं ने अस्सी नब्बे सावन तो देखा है पर उत्सव नहीं मनाया, इसलिए इन माताओं के लिए यह उत्सव मनाया गया। “

लॉटरी सिस्टम से विजेताओं का चयन किया गया, जिसमें सावन सुंदरी श्रीमति लालमुनि देवी 87 वर्ष, मेघा रानी श्रीमति ललिता श्रीवास 90 वर्ष और बरखा रानी श्रीमति मीरा दासगुप्ता 91 वर्ष, बनी।
इन सुंदरियों का पहले शॉल और श्री फल से सम्मान किया गया तत्पश्चात शैसे और ताज पहनाया गया। साथ ही मौली धागा पहनाकर मित्रता दिवस भी मनाया गया। इस गौरवपूर्ण समारोह में झूमा गायन, सीमा शुक्ला, सुमन सिंह, सुमिता दासगुप्ता,लीला वर्मा, कविता शर्मा, अनीता दुआ,चंपा सोनी, शांति लकरा, उर्मिला शर्मा, नीरा रायजादा,सुलोचना देवांगन,पूनम सिंह, रीना कवर,संध्या दास, ऊषा बाजपेयी, नंदिनी तिवारी, नीलिमा
गुलहरे ,पूर्णिमा शर्मा, चंपा दुबे, शिवलि ,सुनीता श्रीवास, ऊषा, सीमा सिंह और रश्मि श्रीवास उपस्थित रहीं।
अंत में डॉ सुषमा पंड्या ने इस तरह का आयोजन करते रहने हेतु शुभ कामनाएँ और धन्यवाद दिया।
