मुंगेली। भगवान श्री रामचंद्र जी उत्कृष्ट संस्कृति के उच्च आदर्श हैं,वे छत्तीसगढ़ वासियों के रग रग और रोम रोम में रचे बसे हैं,प्रभु श्रीराम का छत्तीसगढ़ से रक्त का नाता रहा है। उनका ननिहाल यहीं है और वनवास के लिए भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम छत्तीसगढ़ की धरा से होकर गुजरे थे।
उक्त ओजस्वी उदगार छत्तीसगढ़ प्रदेश मानसप्रेमी परिवार संगठन के शपथ ग्रहण समारोह के प्रथम दौर में मुख्य अतिथि की आसंदी से अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छ्ग शासन सदस्य एवं महिला कांग्रेस कमेटी प्रदेश महासचिव रत्नावली कौशल ने व्यक्त किए। द्वितीय दौर में मुख्य अतिथि जिला मुंगेली कांग्रेस कमेटी जिला अध्यक्ष सागर सिंह बैस थे। समारोह का आयोजन ग्राम तेली मोहतरा में छत्तीसगढ़ मानसप्रेमी परिवार संगठन की मुंगेली जिला इकाई द्वारा किया गया था। समारोह की अध्यक्षता मानसप्रेमी परिवार संगठन के संस्थापक आचार्य नेहरु गोस्वामी ने की। विशिष्ट अतिथि संगठन की प्रदेश अध्यक्ष मंजू गोस्वामी थीं।
अतिथि के रूप में संगठन के संभागीय अध्यक्ष जनक राम साहू, संरक्षक डॉ. शोभाराम साहू, जिला अध्यक्ष मधुकर साहू, मातृ प्रकोष्ठ अध्यक्ष दुर्गा जायसवाल थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री रत्नावली कौशल एवं अन्य अतिथियों ने भगवान श्रीराम, माता सीता, रामभक्त हनुमान जी एवं श्रीराम चरित मानस ग्रंथ की पूजा अर्चना तथा दीप प्रज्जवलित कर किया। आरंभ में संगठन के पदाधिकारियों ने सुश्री कौशल को प्रभु श्री रामचंद्र जी एवं माता सीता का बहुरंगी सुंदर चित्र भेंट किया। उनका सम्मान सत्कार भी किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए हिन्द सेना महिला ब्रिगेड राष्ट्रीय अध्यक्ष रत्नावली कौशल ने कहा कि भगवान श्रीराम छत्तीसगढ़िया मां के सपूत थे। उनकी माता कौशल्या जी का मायका छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में रहा है। यह हम सबके लिए बड़े ही गर्व की बात है कि हमारा छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल प्रांत है। इस तरह प्रभु श्रीराम छत्तीसगढ़ वासियों के भांजे हैं। यही वजह है कि प्रभु श्रीराम छत्तीसगढ़ वासियों के रोम रोम और रग रग में रचे बसे हुए हैं। राम राम कहकर एक दूसरे का अभिवादन करने की परंपरा यहां चली आ रही है। रत्नावली ने कहा चूंकि श्रीराम रिश्ते में छत्तीसगढ़ वासियों के भांजे हुए, इसीलिए छत्तीसगढ़ में भांजे को देवतुल्य मानकर उसकी पूजा की जाती है। यहां मामा और मामी द्वारा अपने भांजे भांजियों के चरण स्पर्श करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। अगर भूलवश भी भांजे भांजी को पैरों से ठोकर लग जाए, तो मामा मामी को प्रायश्चित करना पड़ता है। यह हमारी उच्च संस्कृति की पहचान और उत्कृष्ट परंपरा है। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम ने मानव समाज के समक्ष जो आदर्श प्रस्तुत किए हैं, वे हर व्यक्ति के लिए अनुकरणीय हैं। एक आदर्श पुत्र के रूप में उन्होंने राज पाठ का मोह न कर अपने पिता राजा दशरथ के आदेश को शिरोधार्य करते हुए चौदह वर्ष के वनवास को स्वीकार कर लिया। अपने अनुज भरत को सबकुछ सौंपकर वन के लिए निकल पड़े। माता सीता आदर्श पत्नी की मिसाल प्रस्तुत करते हुए और लक्ष्मण जी एक आदर्श भाई की भूमिका का निर्वहन करते हुए उनके साथ वन के लिए रवाना हो गए। प्रभु श्रीराम गुहाराज निषाद, भील महिला शबरी और वानरों, गिलहरी, मृग जैसे प्राणियों को गले लगाया। उन्होंने सभी जीवों के प्रति प्रेम और सम भाव रखा। यह उनके उच्च आदर्श के द्योतक हैं। रत्नावली कौशल ने कहा कि भगवान श्रीराम ने ऐसी कई मिसालें पेश की हैं, जो प्राणी मात्र के लिए आदर्श बन गए हैं। उन्होंने जीवन की हर मर्यादा का पालन किया, इसीलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। भगवान राम जब तक वन में रहे, अनुज भरत उनके खड़ाऊ को सिंहासन के समक्ष रखकर अयोध्या का राजपाट चलाते रहे। सुश्री कौशल ने कहा कि वनवास से लौटने के बाद रामजी ने सुशासन का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके राज में किसी के साथ भी कोई भेदभाव नहीं होता था। इसीलिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारत में रामराज्य स्थापना का सपना देखा करते थे। रत्नावली के इस अद्भुत वक्तव्य के बीच आयोजन स्थल बार बार तालियों की गड़गड़ाहट और श्रीराम के जयघोष से गूंजता रहा। आचार्य नेहरू गोस्वामी और प्रदेश अध्यक्ष मंजू गोस्वामी ने संगीत के बीच रामायण की चौपाइयां सुनाकर सबका दिल जीत लिया। त्रिवेणी संगम मानस परिवार, सोनहा माटी मानस परिवार एवं जिलेभर से पहुंची मानस मंडलियों ने मानस गान की संगीतमय प्रस्तुति दी।
राम के आदर्शो पर चल रही भूपेश सरकार
वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री रत्नावली कौशल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार भगवान श्रीराम के आदर्शो को आत्मसात करते हुए लोक कल्याण के लिए काम कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समाज के हर तबके के हितों को ध्यान में रखकर योजनाएं संचालित कर रहे हैं। श्री बघेल का लक्ष्य छत्तीसगढ़ में रामराज्य की स्थापना करना है। सुश्री कौशल ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ से जुड़ी भगवान रामचंद्र की स्मृतियों के संरक्षण के लिए चंदखुरी में कौशल्या माता मंदिर का निर्माण कराया गया है, भव्य राम वन गमन पथ का निर्माण कराया जा रहा है। ये छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान बनेंगे। हाल ही में सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर रामायण महोत्सव का भी आयोजन कराया था। सुश्री कौशल ने कहा कि कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राम के नाम पर वोट की राजनीति नहीं करते, बल्कि यथार्थ में श्रीराम के आदर्श पर चलते हैं।कार्यक्रम में मानसप्रेमी परिवार संगठन के जिला सचिव महावीर साहू, जिला उपाध्यक्ष भूपेंद्र जायसवाल, कोषाध्यक्ष शिवदयाल साहू,
जिला प्रवक्ता ठाकुर रामावतार, जिला प्रभारी हीरालाल साहू (पार्षद मुंगेली),
मीडिया प्रभारी खुमान साहू, ब्लॉक अध्यक्ष लोरमी ऋषि सेन, ब्लॉक अध्यक्ष पथरिया प्यारेलाल साहू, ब्लॉक अध्यक्ष मुंगेली देवनाथ साहू की अगुवाई में जिला व ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों को प्रमाण पत्र व अनुदान राशि का वितरण किया गया तथा ज्यादा से ज्यादा मानस मंडलियों के पंजीयन की जवाबदारी सौंपी गई।