इलाज से पहले ही घायल की मौत हो जाने पर मृतक के परिजनों ने स्वास्तिक अस्पताल में जमकर मचाया हंगामा, एफ आई आर दर्ज करने और मुआवजा देने की मांग के साथ चक्का जाम का भी किया प्रयास

आकाश दत्त मिश्रा

तोरवा पावर हाउस चौक स्थित स्वस्तिक अस्पताल में घायल मरीज की मौत हो जाने के बाद उसके परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। इस दौरान अस्पताल पर पथराव भी किया गया। साथ ही भीड़ ने चक्का जाम का भी प्रयास किया। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से हालात पर काबू पाया।

क्या है पूरा मामला

सोमवार को मस्तूरी क्षेत्र स्थित बकरकूदा निवासी 25 वर्षीय निशु बर्मन सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे उसके परिजन लेकर स्वस्तिक अस्पताल पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में चिकित्सकों ने इलाज में देर की, इस कारण से निशू बर्मन की मौत हो गई, जबकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज की हालत गंभीर थी इसलिए अस्पताल प्रबंधन ने क्रिटिकल केस लेने से मना कर दिया था।


इधर इलाज से पहले ही निशू बर्मन की मौत हो जाने के बाद घायल के परिजनों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन पहले पैसे जमा करने की बात कह रहा था, इसलिए उसने इलाज शुरू नहीं किया। घायल युवक की मौत होने पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने अस्पताल स्टाफ के साथ मारपीट कर दी। जवाब में अस्पताल के कर्मचारियों ने भी मृतक के परिजनों की पिटाई कर दी, जिसमें आदित्य वर्मन घायल हो गया। कुछ और लोगों को भी चोटें आयी। आदित्य बर्मन को इलाज के लिए लाइफ केयर अस्पताल भर्ती किया गया।


इधर अस्पताल प्रबंधन द्वारा पिटाई किए जाने के बाद मृतक के परिजनों ने अपने गांव से भीड़ बुला ली, जिसने अस्पताल का घेराव कर दिया और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सूचना मिलते ही अलग-अलग थाने से टीम मौके पर पहुंच गई और भीड़ को समझाइश देने का प्रयास करती रही। भीड़ ने स्वास्तिक अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध हत्या के प्रयास और एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने और 10 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। भीड़ ने अस्पताल पर पथराव भी किया और चक्का जाम का भी प्रयास किया। पुलिस के प्रयास से वह इसमें सफल नहीं हो पायी लेकिन देर रात तक हंगामा मचा रहा।


यह पहला मामला नहीं है जब मरीज की मौत हो जाने पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा मचाया हो। अक्सर चिकित्सक ऐसी परिस्थितियों में सुरक्षा की मांग करते रहे हैं और उनके लिए एक्ट भी बनाया गया है लेकिन फिर भी इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। भीड़ का कहना है कि इस मामले में स्वास्तिक अस्पताल का रिकॉर्ड काफी खराब है और यहां मरीज और उसके परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करने के साथ पैसों को लेकर भी हमेशा विवाद की स्थिति रहती है।

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