गांव में बाल विवाह का प्रचलन है। गांव लड़कियों के अधिक पढ़ने का चलन भी नहीं है, इसलिए लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर गांव में बहुत अधिक सोच विचार नहीं किया जाता। और तो और उनकी सही उम्र की जानकारी बहुत कम लोगों को होती है। इसका प्रभाव ग्रामीण प्रेम संबंधों में भी दिखता है। यही वजह है कि शायद ही ऐसा कोई दिन जाता है, जब गांव में किसी प्रेमी जोड़े के भागने के बाद युवती के नाबालिग होने के चलते थाने में मामला दर्ज होता है और फिर मामला अपहरण और बलात्कार का बन जाता है। ऐसा ही एक और मामला हिर्री थाने में दर्ज हुआ, जहां नाबालिक किशोरी के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी कि उनकी नाबालिग बेटी को कोई भगा ले गया है। परिजनों को भी शक था कि नाबालिक को कोई शादी का झांसा देकर अपने साथ भगा ले गया होगा। जिसके बाद पुलिस ने टीम बनाकर बालिका की तलाश शुरू की। पुलिस को सूचना मिली की ग्राम पाड़ में गुम बालिका मौजूद है। पुलिस जब सकरी थाना क्षेत्र के ग्राम पाड़ पहुंची तो वहां नाबालिक किशोरी 24 वर्षीय चंद्रकांत कौशिक के साथ मिली। पता चला कि चंद्रकांत उसे शादी करने के नाम पर अपने साथ भगा लाया था। जाहिर है जब दोनों पति-पत्नी की तरह रह रहे थे इसलिए उनके बीच शारीरिक संबंध भी बन रहे थे।
नाबालिक के बयान के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बलात्कार और अपहरण का मामला दर्ज किया। साथ ही पीड़ित के नाबालिक होने के चलते आरोपी के खिलाफ 4,6 पोक्सो एक्ट भी लगाया गया है। चंद्रकांत कौशिक नई दुनिया बसाने का ख्वाब देख रहा था लेकिन अब उसकी नासमझी के चलते उसकी मौजूद जिंदगी ही तबाह हो गई।
ग्रामीण युवकों को इस बात का अहसास तक नहीं होता कि भले ही लड़की की रजामंदी क्यों ना हो, अगर वह नाबालिक है तो फिर उसके साथ इस तरह की गतिविधियां कानून की नजर में बहुत बड़ा अपराध है । इसकी जानकारी ना होने की वजह से ही ग्रामीण युवक लगातार इस तरह के अपराध में सजा भोग रहे हैं। पुलिस जिस तरह से निजात अभियान के माध्यम से जागरूकता उत्पन्न कर रही है ग्रामीण इलाकों में भी शादी की उम्र को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है ,ताकि इस तरह के अपराध थम सके।