आज रविवार शाम 4 बजे शिवमंदिर शुभमविहार में नववर्ष युगाब्द 5125 स्वागत समिति की विशेष बैठक मे चैत्र शुक्ल प्रतिपदा बुधवार दिनांक 22 मार्च 2023 की सुबह 6.30 बजे पारंपरिक वेशभूषा में शिवमंदिर, शुभमविहार से नेहरू चौक तक भव्य शोभायात्रा निकालने का निर्णय लिया गया हैं। सर्वसम्मत निर्णयानुसार माताएं/बहने भगवा/लाल/पीली साड़ियों में तथा पुरुष वर्ग भगवा/लाल/पीले कुर्ते में ही शोभायात्रा में शामिल होंगे। विभिन्न समाज सेवियों ने शोभायात्रा मार्ग में पांच से छह स्थानों पर स्वागत सत्कार तथा शिवमंदिर में प्रसाद की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है।
हिंदुत्व जागरण के यज्ञ में आहुति देने आख़िलानन्द पांडेय, मनीष बरसैया, विनोद अवस्थी, तोप सिंह तोमर, ईश्वर तिवारी, हरिभाई पटेल, हॄदयानन्द पांडेय, नरेंद्र गोपाल, संतोष तिवारी, बी के पांडेय, राजेश शर्मा, सत्यनारायण पांडेय, सुरेंद्र दुबे, एस एन उपाध्याय, सुरेश तिवारी, बल्ला रजक, आर के शर्मा, आकाश शर्मा, उमेश पांडेय, राजमोहन मिश्रा, राजेश शुक्ला, भूपेंद्र यादव, छगनलाल यादव, हरिशंकर प्यासी, एम एल बरसैया, आर पी मिश्रा, अनिल तिवारी, भूपेंद्र यादव, आर के सिंह, ललित अग्रवाल आदि ने आम जनता से अपील कि वे अपने बच्चों को सनातन संस्कृति व सँस्कार के बीजारोपण हेतु नव वर्ष की शोभायात्रा में शामिल होवे।
Happy New Year बोलते ही लोगों को 31 दिसंबर कि शराबी रात के 12 बजे का हुल्लड़ करता दृश्य चाहे अनचाहे मानस पटल पर आ जाता है, और ऐसा अचानक नहीं हुआ 31 दिसंबर कि मध्यरात्रि अंग्रेजों ने वो हुल्लड़ भरा भद्दा New Year Celebration पूरी दुनिया को अपनी वैचारिक गुलामी के हस्ताक्षर के रूप में परोसा और बेवकूफी में पूरी दुनिया ने उसे हुल्लड़ कि चकाचौंध में मदहोशी में सहर्ष स्वीकार भी किया।
हम भारतीय भी इस बेवकूफी भरे हुल्लड़बाजी से न बच पाए और पिछले कई दशक से इस मध्यरात्रि कि हुल्लड़बाजी के दूसरे दिन एक दूसरे को नये साल कि बधाइयाँ देने लगे, जबकि ये सदियों से पता था कि नववर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष कि प्रतिपदा के दिन भोर कि पहली किरण के साथ आएगा और वही पूरी वसुंधरा का #नववर्ष होगा पूरी सृष्टि उस समय उत्सव मनाती दिखेगी, खैर ईश्वर भी कर्म के आधार पर यश अपयश देता है, ये अपयश हमें मिलना ही था क्यों कि हम बहुत कुछ अपना भुलाये बैठे थे।
पर ईश्वर जहाँ सम्यक होकर अपनों को दंड देने का विधान नहीं भूलता वहीं ईश्वर अपनी सत्ता और अपने मूल स्वरुप को अपनी मूल रचना को भी बार बार मानव समाज से साक्षात्कार कराते जाता है, जैसा कि इस भारतवर्ष में नववर्ष को पुनः वैश्विक रूप से स्थापित करने बिलासपुर के #शुभमविहार से गतवर्ष से एक उत्सव स्वरुप दिया, शुरुवात में सब एक वर्षीय कार्यक्रम लगता था पर अब समझ आने लगा की ये कार्यक्रम केवल कार्यक्रम न होकर हिन्दू समाज में वैचारिक क्रांति की तरह स्वीकार किया गया , इसीलिए हम इसे ईश्वर द्वारा निर्देशित कार्य मानते हैँ और अपने जैसे सभी नगरवासियों को उसका निमित्त मानकर खुश हो लेते हैँ। इस वर्ष की चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (अंग्रेजी तिथि 22 मार्च 2023) को सबसे पहले शुभमविहार से ही नववर्ष की भव्य #शोभायात्रा निकाली जाएगी आप सभी इस आयोजन में सम्मिलित होकर अपना मौलिक नववर्ष उत्साह से मनाएं।