ब्यूरो
जिले के गौरेला में भ्रष्टाचार थमने का नाम ही नही ले रहा है ।।।मामला सामने आया है गौरेला जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत धनौली में जहा पर ग्रामीणों को आने जाने परेशानी को देखते हुए मनरेगा से लगभग 20 लाख रुपए की लागत से 4 साल पहले पुलिया निर्माण कराया गया मगर 4 साल बीतने के बाद ग्राम पंचायत के जरिये पुलिया बनाकर राशि आहरित कर ली गई पर आज भी ग्रामीणों को पुलिया से आने जाने के बजाए पुलिया के नीचे से आने जाने को मजबूर है।।।।वही मामले में जवाबदार जरूर मामले की जानकारी लेकर तत्काल व्यवस्था दुरुस्थ करने की बात कह रहे है।।।।।
पूरा मामला जनपद पंचायत गौरेला के बैगा आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत धनौली के बिल्लमगढ़ का है जहां पर मुख्यमार्ग से बिल्लमगढ़ पहुच मार्ग पर पिछले 4 साल पहले पुलिया निर्माण कार्य महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत लगभग 20 लाख की लागत से 2019 -20 में पुलिया निर्माण कार्य कराया गया ताकि इस सड़क से आने जाने वाले ग्रामीणों को परेशानी का सामना न करना पड़े और वे आसानी से इस मार्ग पर आना जाना कर निस्तारी कर सके जिसके बाद ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के बाद पुलिया निर्माण भी करा दिया गया और लगभग 4 साल पहले बने पुलिया निर्माण का निर्माणकार्य पूरा होना बतलाकर राशि आहरित कर ली गई पर ग्राम पंचायत के जवाबदार जनप्रतिनिधि के साथ कोई भी जवाबदार अधिकारी मौके पर नही पहुचा ना ही पुलिया को देखने कोई पहुचा नतीजा यह कि 4 साल बीत जाने के बाद भी इस सड़क पर आने जाने वाले लोगो को आज भी पुलिया पार करने के लिए अपने वाहनो को पुलिया के इस पार खड़ा करके दूसरी ओर स्थित गांव तक पैदल ही जाना पड़ता है।।।ग्रामीणों की माने जब से पुलिया बना है कोई भी जवाबदार मौक़े पर नही आया कि लोगो को 20 लाख की पुलिया से कितना फायदा मिला है।।।ग्रामीण आज भी खुद को ठगा हुआ महशुस कर रहे है क्योकि जवाबदारों ने पुलिया निर्माण तो करा दिया मगर पुलिया के दोनों ओर जोड़ने वाले सोल्डर को मिट्टी मुरुम से नही पाटा। लगभग 3 से 4 फिट मिट्टी पुलिया के दोनों ओर नही डाले जाने से 4 साल बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों को इस 20 लाख की पुलिया के फायदा नही मिला।।हालांकि जब मामले में हमने जनपद पेंड्रा के सीईओ संजय शर्मा से मामले की जानकारी दी तो उन्होंने तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर आवश्यक कार्यवाही किये जाने की बात कही है।।।।