बाजार द्वारा रचित और पश्चिमी सभ्यता से ओतप्रोत वैलेंटाइन डे चारित्रिक पतन और व्यभिचार का पर्व बनकर रह गया है। एक समय इसे प्रेम पर्व के रूप में खूब प्रचारित किया गया, लेकिन पिछले कुछ सालों में बढ़ते राष्ट्रवाद और सनातन संस्कृति के प्रति रुझान के बाद अब वैलेंटाइन डे को लेकर ना पहले जैसा उत्साह रहा और नहीं इसे लेकर उस तरह का जोश ही नजर आया। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि वैलेंटाइन डे मनाने वालों के विरोध में बजरंग दल और शिवसेना का लट्ठ भी चलता है। एक बार फिर वैलेंटाइन डे पर पश्चिमी संस्कृति का विरोध करने शिवसेना शिंदे गुट के कार्यकर्ता सड़क पर निकले, जिन्होंने वैलेंटाइन डे मुर्दाबाद का नारा पुरजोर किया ।
शिवसेना महानगर अध्यक्ष संजीव पाल के नेतृत्व में वैलेंटाइन डे का पुरजोर विरोध किया गया,इस अवसर पर शिव सैनिकों की रैली गांधी चौक, तरबहर चौक,अग्रसेन चौक,बस स्टैंड चौक,होते हुए, गोल बाजार चौक में सभ्यता का पुतला दहन के साथ समाप्त हुआ, इस अवसर पर मुख्यरूप से प्रदेश महासचिव सुनील कुमार झा,प्रभु वस्त्राकर मुकेश देवांगन,संतोष कौशल,दशरथ साहू, यशवंत साहू,शिव प्रसाद,जयसिंह,कमल, अनिल यादव,पाल,मनोहर, वेणु, महिला सेना से, संगीता सोनी, अनामिका अवस्थी,माधुरी शर्मा,सहित अनेकों शिव सैनिक मौजूद रहे।