

कानन पेंडारी की बाघिन रंभा के शावक मितान की बुधवार सुबह मौत हो गई। शावक पिछले 3 दिनों से बीमार था। कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में करीब 9 महीने पहले 17 अप्रैल को बाघिन रंभा ने चार शावकों को जन्म दिया था । तीन मादा शावकों के अलावा मितान अकेला नर शावक था। करीब 2 महीने पहले ही जू प्रबंधन ने उन्हें पर्यटकों के लिए केज में छोड़ा था।

बताया जा रहा है कि 2 दिन पहले मितान की तबीयत बिगड़ी और उसे दस्त लग गए, जिसके बाद उसे बाघिन और उसके 3 शावकों को से अलग रखकर उपचार शुरू किया गया। मंगलवार सुबह उसकी तबीयत में सुधार देखकर उसे वापस बाघिन रंभा के साथ छोड़ दिया गया। इस बीच उसका तापमान सामान्य था लेकिन वह सुस्त नजर आ रहा था। दावा किया जा रहा है कि रात में भी सीसीटीवी की मदद से कर्मचारी शावक पर नजर बनाए हुए थे। शावक और उसकी मां रंभा रात में सोते रहे । बुधवार की सुबह कर्मचारियों ने देखा कि नर शावक मितान के शरीर में कोई हलचल नहीं है, जिसकी जानकारी अफसरों को दी गई।

आनन-फानन में अफसर पहुंचे और जांच में पाया कि मितान की मौत हो चुकी है। शावक ने रात में ही दम तोड़ दिया था । अफसर दावा कर रहे हैं कि शावक की मौत फेलाइन पेन ल्यूकोपेनिया नामक वायरस से हुई है, यह खतरनाक वायरस है। नर शावक की वायरस से मौत होने के बाद एहतियात के तौर पर मादा शावक रश्मि, आनंदी और दिशा की भी जांच कराई गई तो इसमें से आनंदी और दिशा के शरीर का तापमान कभी काफी अधिक मिला। उन्हें भी आइसोलेट कर उनका उपचार किया जा रहा है। फिलहाल रश्मि स्वस्थ है और वह मां के पास ही है ।
कानन पेंडारी में वन्यजीवों की मौत का सिलसिला काफी अरसे से जारी है। इसके लिए प्रबंधन को दोषी माना जाता है। यहां मात्र ढाई महीने में ही 9 वन्य प्राणियों की मौत हुई है।
