बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समीक्षात्मक कार्यशाला का समापन दिनांक 29 जनवरी 2023 को रजत जयंती सभागार में हुआ। ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: क्रियान्वयन, चुनौतियां एवं सामाजिक सरोकार’ विषय पर आयोजित कार्यशाला के समापन सत्र में सार्वजनिक समारोह का आयोजन किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के माननीय सांसद श्री अरुण साव रहे। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अतुल कोठारी राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली, विशिष्ट अतिथि रायपुर के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की। अन्य मंचस्थ अतिथियों में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांतीय संयोजक डॉ. प्रफुल्ल शर्मा, कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रो. पी.के. वाजपेयी उपस्थित रहे। कार्यशाला के समापन कार्यक्रम में प्रांत संयोजक प्रफुल्ल शर्मा ने स्वागत भाषण दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के माननीय सांसद श्री अरुण साव ने कहा कि यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है। भारत विविधताओं का देश है, सबको शामिल कर सबके हित के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के गौरव को बढ़ाने वाली है।
आयोजन के मुख्य वक्ता डॉ. अतुल कोठारी, राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली ने कहा कि न्यास के सूत्र वाक्य है जिसमें कहा गया है कि देश बदलना है तो शिक्षा को बदलो। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 नई पीढ़ी को संस्कारित शिक्षा देने का प्रयास है। इस नीति में युवाओं के भौतिक विकास के साथ-साथ नैतिक मूल्यों और भारतीय परंपरा के अनुरूप चरित्र निर्माण पर बल दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने विकास की संकल्पनाओं पर प्रकाश डालने के साथ ही दिशा प्रदान की है। यह भारत के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए उपयोगी साबित होगी। यह नीति मातृभाषा में शिक्षण को प्राथमिकता प्रदान करती है। हम सभी को इस नीति के सफल, सुचारू एवं संपूर्ण क्रियान्वयन के लिए अपना सकारात्मक योगदान प्रदान करना होगा।
विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ पूर्णेंदु सक्सेना ने कहा कि योग्यता की परख एक चुनौती है जिसे हमने स्वीकार किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं की अभिरुचि, योग्यता और समाज की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बनाई गई है। प्रत्येक व्यक्ति के गुण, प्रकृति, स्वभाव और योग्यता अंतर होता है जिसे दृष्टिगत रखते हुए शिक्षा नीति में विभिन्न प्रावधान किये गये हैं। प्रयोगशीलता, प्रयोगधर्मिता और कल्पनाशीलता के लिए पाठ्यक्रम का निर्धारण किया गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्रांतिकारी मसौदा है। जो भारत को एक बार फिर से विश्व गुरु के रूप में स्थापित करेगा। छत्तीसगढ़ के एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय होने के अपने दायित्व के निर्वाहन के क्रम में विश्वविद्यालय में विभिन्न विभागों में स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना प्रारंभ की गई है जिसके सकारात्मक परिणाम दृष्टिगत हो रहे हैं।
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि हमारा उद्देश्य समग्र छत्तीसगढ़ राज्य के विकास का है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी निरंतर बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे शीघ्र ही विश्वविद्यालय देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का संपूर्ण रूप में क्रियान्वयन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न प्रावधानों को धरातल पर क्रियान्वित करने में विश्वविद्यालय देश के अग्रणी संस्थानों में शामिल है। विश्वविद्यालय में शोध, नवाचार, अंतरविषयक एवं बहु विषयक अनुसंधान और विशेष रूप से छात्रों के सर्वांगीण विकास के विभिन्न कार्यक्रम प्रारंभ हुए हैं। इसी क्रम में मशरूम उत्पादन एवं काष्ठकला के क्षेत्र में अभिनव पहल की गई जिसे परिणाम निकट भविष्य में प्राप्त होने लगेंगे।
जीएसटी थाली का प्रारंभ
विश्वविद्यालय में 26 जनवरी, 2023 को ‘गुरु घासीदास विश्वविद्यालय स्वाभिमान थाली’ (जीएसटी) का उद्घाटन किया गया है। स्वच्छ भारत, स्वथ्य भारत की दिशा में प्रारंभ हुई इस योजना में विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े स्वयंसेवकों की अहम भूमिका है। इसके प्रथम चरण में जरूरतमंद 200 छात्र-छात्राओं को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
इससे पूर्व रजत जयंती सभागार में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर मां सरस्वती एवं बाबा गुरू घासीदास जी की प्रतिमा पर पुष्पअर्पित किये। इस दौरान तरंग बैंड ने सरस्वती वंदना व कुलगीत की मोहक प्रस्तुति दी। तत्पश्चात नन्हें पौधे से मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया गया।
समापन समारोह में मंचस्थ अतिथियों का शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव व संचालन प्रो. पी.के. बाजपेयी ने किया। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस मौके पर बिलासपुर शहर के गणमान्य नागरिक, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, विभिन्न प्रांतों से पधारे कार्यशाला के प्रतिभागी, विश्वविद्यालय के विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण, शोधार्थी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।