
आलोक मित्तल


बिलासपुर के चर्चित हिस्ट्रीशीटर और कांग्रेसी नेता संजू त्रिपाठी की हत्या के मामले में पकड़े गए 7 आरोपियो को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया।
इनमें से मुख्य साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड कपिल त्रिपाठी को अदालत ने 22 दिसंबर की शाम 4:00 बजे तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
5 दिन पहले सकरी थाना क्षेत्र मैं मुख्य सड़क पर कुख्यात अपराधी और पूर्व कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उसके ही सगे भाई और पिता समेत कई रिश्तेदार और उनके सहयोगी गिरफ्तार हुए हैं। संजू उर्फ प्राणनाथ त्रिपाठी के अत्याचार से तंग होकर इन लोगों ने उत्तर प्रदेश के 5 शूटर को 10 लाख रुपये की सुपारी दी थी। जिसमे 5 लाख रुपये एडवांस दिया गया था।
सोमवार को कपिल त्रिपाठी,प्रेम श्रीवास,सुमित निर्मलकर,अमन गुप्ता, जयनारायण त्रिपाठी, और सुचित्रा दत्तक पुत्री को कोर्ट में पेश किया गया शेष आरोपियों को पुलिस पकड़ कर ला रही है।

इन लोगों ने संजू त्रिपाठी पर 10 गोलियां दागी थी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। असल में पूरा परिवार संजू त्रिपाठी के अत्याचार से तंग आ चुका था। संजू त्रिपाठी केवल वर्चस्व की लड़ाई और संपत्ति को लेकर हो रहे झगड़े में ही परिवार को सात भर नहीं रहा था, बल्कि वो अपनी सौतेली बहन के साथ लगातार जबरन मुंह काला भी कर रहा था, जिससे पूरा परिवार उसके खिलाफ खड़ा हो गया था। भले ही कपिल त्रिपाठी और उसके सहयोगियों ने संजू त्रिपाठी की हत्या की है लेकिन संजू त्रिपाठी की जैसी हरकत थी, उसके कारण शायद ही किसी को उससे कोई सहानुभूति हो।

संजू त्रिपाठी की हत्या के आरोप में पकड़े गए जय नारायण त्रिपाठी, कपिल त्रिपाठी, जीजा भरत तिवारी, भरत तिवारी के भांजे और भतीजे आशीष तिवारी, रवि तिवारी, इनके सहयोगी प्रेम श्रीवास, अमन गुप्ता, राजेंद्र सिंह ठाकुर के अलावा संजू ठाकुर की मुंह बोली बहन और कपिल की पत्नी सुतित्रा त्रिपाठी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
हत्या को अंजाम देने के बाद कपिल त्रिपाठी और उसके कुछ सहयोगी नेपाल भागने की तैयारी में थे। इसकी व्यवस्था कपिल की पत्नी ने की थी । पुलिस की भी कोशिश थी कि नेपाल भागने से पहले आरोपियों को पकड़ लिया जाए, क्योंकि एक बार बॉर्डर पार करने के बाद उन्हें पकड़ पाना पुलिस के लिए मुश्किल हो जाता। पुलिस ने अपनी पूरी ताकत लगाई और उसे सफलता भी मिली। पता चला कि काफी समय से यह लोग संजू त्रिपाठी की हत्या करना चाहते थे। पहले भी एक दो बार प्रयास किया गया था लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। लेकिन 14 दिसंबर को अंततः सफलता हाथ लगी। संवाताल के फार्म हाउस से लौट रहे संजू त्रिपाठी की कार को सकरी ओवर ब्रिज के नीचे घेरकर उस पर दोनों तरफ से फायरिंग की गई। घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी इधर-उधर भाग गए ।

इस मामले में 13 आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ पुलिस 5 शूटर की जानकारी भी हासिल कर चुकी है। तो वहीं हथियार के सप्लायर की भी पूरी कुंडली पुलिस के पास है, जिन्हें भी जल्द पकड़ने का दावा किया जा रहा है।

वैसे तो जय नारायण त्रिपाठी का पूरा परिवार ही अपराधी प्रवृत्ति का है। उसके दोनों बेटे संजू त्रिपाठी और कपिल त्रिपाठी भी इसी जरायम पेशे के कुख्यात नाम थे। शहर में लोगों में खौफ पैदा करने वाला संजू त्रिपाठी जब अपने ही परिवार पर जुल्म करने लगा तो आखिर उसके परिवार ने उसकी हस्ती मिटा दी। संजू त्रिपाठी की मौत के बाद आज उसका भाई और पिता जेल में है। परिवार के अन्य सदस्य भी सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। लोगों को सता कर हासिल की गई अकूत धन-संपत्ति के बावजूद परिवार को क्या हासिल हुआ, यह विमर्श का विषय है।
किसी ने सही कहा है कि गरीब और पीड़ित की हाय चुपचाप असर करती है। पुलिस ने मुख्य आरोपी कपिल त्रिपाठी की पुलिस रिमांड मांगी थी, क्योंकि उससे अभी कई और जानकारी हासिल करनी है। उसी के सहारे हथियार के सप्लायर और उत्तर प्रदेश के शूटर तक पहुंचना है। वैसे पुलिस के लिए इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाना आसान नहीं था। खासकर पूरे देश में बिखर गए आरोपियों को 4 दिनों में गिरफ्तार करना बहुत बड़ी चुनौती थी। जिसे सफलतापूर्वक अंजाम देकर पुलिस ने अपने आलोचकों को खामोश कर दिया है।
