बाल दिवस पर वे बच्चे बने एक दिन का डॉक्टर, जो कभी गंभीर अवस्था में इलाज के लिए बिलासपुर अपोलो में कराए गए थे भर्ती, इन बच्चों ने विभिन्न प्रतिस्पर्धा में भी लिया हिस्सा

बिलासपुर अपोलो ने बाल दिवस अपने ही अंदाज में मनाया। यहां उन बच्चों को बतौर अतिथि आमंत्रित किया गया, जो कभी जीवन- मृत्यु से संघर्ष हुए गंभीर अवस्था में अपोलो में इलाज के लिए भर्ती कराए गए थे। यह बच्चे ना केवल स्वस्थ होकर घर लौटे बल्कि आज एक सामान्य जीवन जी रहे हैं। इन्ही बच्चों को अपोलो ने आमंत्रित किया और उनके सपने को पूरा करते हुए उन्हें एक दिन का डॉक्टर बनाया। नन्हे बच्चे डॉक्टर की तरह एप्रन पहनकर, गले में स्टेथेस्कोप लटकाकर वार्डो में मरीजों से मिलने पहुंचे और उन्हें दिलासा देते हुए जल्दी स्वस्थ होने का भरोसा दिलाया। ऐसा करते हुए बच्चों की आंखों में चमक आ गई।

इन्ही बच्चों में अनन्या जैसे बच्चे भी शामिल है जो भविष्य में सचमुच का डॉक्टर बनना चाहते हैं ताकि वो मरीजों की सेवा कर सके और उन्होंने जो कठिन परिस्थितियां अपने जीवन में देखी है , वैसे ही अन्य मरीजों को उससे बाहर ला सके।

इस अवसर पर अपोलो बिलासपुर परिवार द्वारा बच्चों के लिए मनोरंजन खेल, क्विज आदि प्रतिस्पर्धा का भी आयोजन किया गया। बच्चों के साथ एक दिन पूरे जोशो खरोश के साथ मनाते हुए बच्चों में आत्मविश्वास जगाने और उन्हें एक बेहतर इंसान बनाने का प्रयास किया गया। इस दौरान अपोलो की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर इंदिरा मिश्रा ने कहा कि यह बच्चे इस बात के उदाहरण है कि वर्तमान चिकित्सा विज्ञान में जटिल बीमारियों का भी सफल इलाज है। वहीं उन्होंने बच्चों में सामान्य जीवन के लिए उन्हें मोबाइल जैसे गैजेट से दूरी बनाए रखने की सलाह दी। उनका मानना है कि इससे बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होती है। तो वही डॉक्टर सुशील कुमार ने कहा कि मौजूदा चिकित्सा विज्ञान किसी चमत्कार से कम नहीं है। बच्चों को सभी उपलब्ध टीके अवश्य लगाने चाहिए। इससे ही जटिल रोगों से बचाव संभव है।

इस अवसर पर शामिल अभिभावक भी काफी खुश नजर आए। अपोलो के साथ उनका गहरा रिश्ता जो है। कभी वे रोते-रोते इस अस्पताल में आए थे और हंसते हुए लौटे थे। वही हंसी आज भी उनके अधरों पर विद्यमान है और यह सब कुछ अपोलो की ही देन है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ इंदिरा मिश्रा ने कहा कि वह दिन आदर्श होगा जब अस्पतालों में कोई मरीज इलाज कराने ही ना आए। इसका मतलब होगा सब स्वस्थ है, लेकिन ऐसा व्यवहार में संभव नहीं इसलिए रोगों से बचाव के साथ लक्षण नजर आने पर चिकित्सकों के पास जाना भी जरूरी है।
बाल दिवस के अवसर पर बच्चों के लिए आयोजित विभिन्न स्पर्धाओं में बच्चों ने शामिल होते हुए खूब आनंद उठाया। अपोलो की ओर से उन्हें उपहार भी प्रदान किए गए।

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