श्री बगलामुखी प्राकट्य महोत्सव हर्षोल्लास से मनाने की तैयारी पूरी

बिलासपुर (छ.ग.) — श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर, सुभाष चौक सरकंडा, में दिनांक 5 मई 2025 को श्री बगलामुखी प्राकट्य (जयंती) महोत्सव बड़े धूमधाम और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर भव्य धार्मिक अनुष्ठानों, विशेष पूजन और सांस्कृतिक आयोजनों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी।

पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पावन अवसर पर माँ ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष श्रृंगार और पूजन किया जाएगा। साथ ही देवाधिदेव महादेव श्री शारदेश्वर पारदेश्वर का रुद्राभिषेक, माँ महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, त्रिपुरसुंदरी देवी का श्रीसूक्त षोडश मंत्र द्वारा अभिषेक किया जाएगा। श्रीराम, श्री सिद्धिविनायक का पूजन एवं मातारानी को छप्पन भोग अर्पित किया जाएगा।

मंदिर के पट प्रातः 8:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक दर्शनार्थ खुलेंगे तथा संध्या 6:00 बजे सायंकालीन आरती का आयोजन होगा।

डॉ. दिनेश जी महाराज ने बगलामुखी देवी की महिमा बताते हुए कहा कि माँ बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं, जिन्हें माता पीताम्बरा भी कहा जाता है। देवी का स्वरूप पीत वर्ण का है और वे अपने भक्तों की समस्त बाधाओं से रक्षा करती हैं। विशेष रूप से वाद-विवाद, मुकदमे, उपद्रव, असाध्य रोग, ग्रह शांति और विवाह संबंधी समस्याओं के निवारण हेतु इनकी उपासना फलदायी मानी जाती है।

पुराणों के अनुसार, सतयुग में जब त्रिलोक में भीषण आपदाएँ छाईं थीं, तब भगवान विष्णु ने हरिद्रा सरोवर के तट पर देवी बगलामुखी की तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर देवी प्रकट हुईं और संसार को संकट से मुक्त किया। एक अन्य कथा के अनुसार देवी ने अपराजेय असुर मदन का वध कर देवताओं को भयमुक्त किया था।

डॉ. दिनेश जी ने बताया कि ब्रह्मा, शंकर, विष्णु, परशुराम और नारद जी जैसे देवों ने माँ की आराधना कर सिद्धि प्राप्त की है। आज भी माँ बगलामुखी की कृपा से भक्त तीनों लोकों में अजेय होकर जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।

श्री पीताम्बरा पीठ परिवार ने समस्त श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस दिव्य महोत्सव में भाग लें और माँ बगलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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