
आलोक मित्तल

बोदरी स्थित आशीर्वाद वैली का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। एक दूसरे के खिलाफ आरोप- प्रत्यारोप, थाना, एसपी कार्यालय के चक्कर के बाद अब दोनों पक्ष बारी- बारी से बिलासपुर प्रेस क्लब पहुंचकर अपना पक्ष रख रहे हैं। कुछ दिन पहले अरविंद सिंह और कविता सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए खुद को पीड़ित बताया तो वही बुधवार को आशीर्वाद वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि किस तरह से आशीर्वाद वैली में रहने वाला सिंह परिवार कॉलोनी के लिए सरदर्द बन चुका है।
आशीर्वाद वैली का निर्माण आशीर्वाद बिल्डकॉन द्वारा किया गया था, जिसमें रवि, विजय और कैलाश प्रितवानी शामिल थे। 2017 में कॉलोनी को सोसाइटी को सौंप दिया गया। बिल्डिंग बाइलॉज में गार्डन के सामने स्विमिंग पूल का उल्लेख था, लेकिन कॉलोनी सौंपने के दौरान स्विमिंग पुल नहीं बना था। वहीं 2019 में उस खाली जमीन पर सोसायटी द्वारा बैडमिंटन कोर्ट बना लिया गया।
अब सिंह परिवार को आपत्ति इस बात पर है कि उनके घर के सामने मौजूद बैडमिंटन कोर्ट में देर रात तक खेल चलता है और इस वजह से वे डिस्टर्ब होते हैं । तो वही आशीर्वाद वेलफेयर सोसाइटी का आरोप है कि सिंह परिवार लड़ाकू प्रवृत्ति का है और पूरे कॉलोनी के लोगों के साथ उनका विवाद है। एसईसीएल के रिटायर्ड अधिकारी होने और कविता सिंह के आईपीएस अधिकारी की बेटी होने की वजह से यह लोग सब पर धौंस जमाते हैं। बच्चों के साथ भी बदसलूकी करने का आरोप है।

सिंह परिवार सोसाइटी में स्विमिंग पुल निर्माण का पक्षधर है और स्विमिंग पूल ना बनने से सोसाइटी का पदेन अध्यक्ष उनके निशाने पर रहता है। इसी वजह से अंशुता सिंह द्वारा सोसायटी के अध्यक्ष निमेष पांडे को थप्पड़ जड़ दिया गया था, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हुआ है। तो वहीं अरविंद सिंह और कविता सिंह का आरोप है कि निमेष पांडे ने उनसे बदसलूकी की है। हालांकि वे इसके पक्ष में कोई वीडियो पेश नहीं कर पाए जबकि परिसर में और उनके घर भी सीसीटीवी लगा हुआ है ।
पहले पुलिस ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ा। लेकिन एसपी के निर्देश और मीडिया में खबर प्रकाशन के बाद दोनों पक्षों के खिलाफ समान धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, लेकिन अब भी दोनों पक्ष एक दूसरे के खिलाफ कार्यवाही की मांग पर अड़े हुए हैं। दोनों पक्षों का आरोप है कि पुलिस पक्षपात कर रही है। कुल मिलाकर यह ऐसा मसला है जो खत्म होता नहीं दिख रहा।
इन लोगों को एक ही कॉलोनी में रहना है और आपस में विचार नहीं मिलते इसलिए टकराव स्वाभाविक है। अरविंद सिंह और उनकी पत्नी कविता सिंह द्वारा स्विमिंग पूल मुद्दे पर हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है, उस पर भी फैसला लंबित है। वही यह भी बताया जा रहा है कि सिंह परिवार को नुक्ताचीनी की आदत है और वह सोसाइटी में किसी भी घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं ।जिस पर कभी पुलिस में रिपोर्ट तो कभी कोर्ट में मामला दर्ज कर देते हैं। इसी कारण से कॉलोनी के अधिकांश लोगों की उन से बैर है । दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि सिंह परिवार के दामाद भी सोसाइटी के ही साथ हैं। दोनों पक्ष अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। अब जब दोनों पक्ष के खिलाफ f.i.r. हो चुका है तो वे एक दूसरे के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पता नहीं यह लड़ाई कहां जाकर खत्म होगी।
