
आकाश मिश्रा

भू माफियाओं द्वारा मां बेटे के अपहरण मामले में पुलिस ने आदतन बदमाश ऋषभ पानीकर का जुलूस निकाला, लेकिन उसके साथी नरेंद्र मोटवानी को उसी दिन जमानत मिल गई।
तोरवा निवासी 17 वर्षीय पियूष गंगवानी की तोरवा गुरुनानक चौक के पास 4000 स्क्वायर फीट की बेशकीमती जमीन है, जिसे जोर-जबर्दस्ती हथियाने के लिए आदतन अपराधी ऋषभ पानीकर ने जमीन कारोबारी नरेंद्र मोटवानी के साथ मिलकर माँ बेटे का अपहरण कर लिया था। अपने ऑफिस में जाकर दोनों ने पीयूष गंगवानी और उसकी मां को खूब डराया धमकाया ।

यहां तक की वहां मौजूद एक लड़की द्वारा उसके खिलाफ दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर उसे जेल भेजने की भी धमकी दी। इसी दौरान पियूष गंगवानी ने दोनों बदमाशों का ऑडियो रिकॉर्ड कर लिया जिसमें उनकी बातें रिकॉर्ड हो गई। ऋषभ पानीकर और नरेंद्र मोटवानी ने तो यहां तक कहा कि उनके पास इतना पैसा है कि एक पैकेट फेंकते हैं तो पुलिस दौड़ी दौड़ी चली आती है।

इसके बाद से ही पीयूष दोनों के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने की कोशिश कर रहा था लेकिन पुलिस उसे गंभीरता से नहीं ले रही थी। थककर पीयूष गंगवानी ने रिकॉर्डेड ऑडियो वायरल कर दिया, जिसमें पुलिस के खिलाफ भी अनाप-शनाप कहने से भड़की पुलिस ने ऋषभ पानीकर और नरेंद्र मोटवानी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इस बीच दोनों भू माफियाओं को छुड़ाने कोतवाली थाने में लोगों की भीड़ जुटी रही, जिसमें कई रसूखदार नेता भी शामिल थे।
गुरुवार को जब पुलिस नरेंद्र मोटवानी का मेडिकल कराने उसे सिम्स लेकर गई तो चिकित्सकों ने उसे मेडिकल अनफिट बताकर अस्पताल में भर्ती कर लिया। इसी आधार पर उसे जमानत भी मिल गई, इसलिए पुलिस केवल ऋषभ पानी कर का जुलूस निकाल कर उसे कोर्ट लेकर गई। इससे पहले भी तोरवा क्षेत्र के ही एक व्यापारी के साथ भी ऋषभ पानीकर ने मारपीट की थी और उस मामले में भी जेल गया था लेकिन बाहर आते ही उसने अपनी पुरानी हरकतें फिर से शुरू कर दी।
