अपनी पहचान दुर्गा पूजा के लिए पूरी तरह तैयार है बिलासा की नगरी, बोधन पूजा के साथ चार दिवसीय उत्सव का कल से होगा आरंभ

आलोक मित्तल

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण एक वर्ष एकदम छोटे आकार की मूर्तियां और पंडाल और फिर अगले वर्ष भी कठिन गाइड लाइन के साथ दुर्गा पूजा उत्सव मनाने की बाध्यता के बाद इस वर्ष एक बार फिर बिलासपुर में भव्य पैमाने पर दुर्गा पूजा उत्सव की तैयारी देखी जा रही है। बिलासपुर में करीब 100 साल से यानी 1923 से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है ।प्रवासी बंगालियों ने इसकी शुरुआत की और धीरे-धीरे इस शहर का यह प्रमुख पर्व बन गया । एक तरफ जहां रेलवे क्षेत्र के आसपास बंगाली परंपरा के साथ पूजा को अधिक महत्त्व देते हुए आयोजन किया जाता है तो वहीं शहरी क्षेत्र में झांकी और साज-सज्जा पर अधिक जोर रहता है । वैसे तो नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से हो चुकी है लेकिन उमंग के ज्वार का उफान तो 1 अक्टूबर षष्ठी तिथि से होगा। इस दिन बोधन पूजा के साथ सार्वजनिक दुर्गा पंडालों में प्रतिमा स्थापना कर प्रथम दर्शन किये जायेंगे।


इसके बाद सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि पर विधि विधान के साथ मां दुर्गा और शिव परिवार की पूजा-अर्चना होगी। इसके लिए बिलासपुर में भव्य और आकर्षक पंडाल सजाए गए हैं । शुक्रवार को ही सभी पंडालों में प्रतिमाएं पहुंच गई है और साज श्रृंगार किया जाता रहा। मां दुर्गा की पूजा के लिए बंगाल से बड़ी संख्या में पुरोहित, ढाकी और भोग प्रसाद बनाने वाले रसोइयों बिलासपुर पहुंच गए हैं।
कल से पूरा शहर शाम के बाद सड़क पर उतर आएगा और देर रात तक पंडाल- पंडाल परिक्रमा कर श्रद्धालु देवी दर्शन करेंगे। इस दौरान भव्य झांकी और लुभावनी विद्युत सज्जा हर बार की तरह आकर्षण का केंद्र होंगी। बिलासपुर में ऐसे तो छोटे बड़े मिलाकर करीब सो सर्वजनिक आयोजन किए जाते हैं लेकिन मुख्य आकर्षण बंगाली स्कूल, कंस्ट्रक्शन कॉलोनी, मध्य नगरी, राजेंद्र नगर, गोल बाजार , तेलीपारा, शिव टॉकीज चौक, तोरवा क्षेत्र में आयोजित होने वाले दुर्गोत्सव होते है, जहां विशेष सजावट, थीम और आकर्षक पंडाल तैयार है।


आज दुर्गा पूजा बिलासपुर का ऐसा उत्सव है जिससे बिलासपुर की पहचान है। कहा जाता है कि बंगाल के बाद बिलासपुर में ही सबसे भव्य स्तर पर दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसकी प्रतिक्षा लोगों को पूरे वर्ष भर रहती है और इस बार तो यह प्रतीक्षा 3 वर्ष लंबी हो गई है, इसलिए लोगों में दुगना उत्साह है। बस बारिश इस उत्सव पर पानी न फेरे तो फिर यह 4 दिन बिलासपुर वासी पूरे उत्साह, उल्लास और उमंग के साथ दुर्गा पूजा उत्सव मनाने की तैयारी में है।

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