
पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–9.8.22

पखांजूर,,,,
ग्राम देवपुर में एक वर्ष पूर्व आई आपदा के दौरान पीड़ितों को प्रशासन की ओर से अतरिक्त मुआवजा राशि के भुगतान का मामला प्रकाश में आने के बाद अब इस विवाद में स्थानिय जनप्रतिनिधि भी कूद पड़े है। इस आपदा के दौरान प्रशासन की ओर से बांटे गए मुआवजे को कम बताते हुए और मुआवजे की मांग की है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों इस लिए भी नाराज है मुआवजा वितरण के दौरान कम मुआवजा का कुछ ग्रामीणों ने विरोध किया था तो जिस अधिकारी ने ग्रामीणों को आश्वासन देकर मामला शांत कराया, गांव में मुआवजा का वितरण किया। अब वहीं अधिकारी मुआवजे वितरण पर सवाल उठा रहे है। ग्राम देवपुर में मई 2021 में आई आंधी से ग्राम पंचायत देवपुर के तीन गांव के लगभग 150 घरों में छती हुई थी।
इस दौरान प्रशासन की ओर से जिन घरों में छती हुई थी उन्हें 17 लाख का मुआवजा का वितरण किया गया था। अब यही मुआवजा वितरण विवादों में है और जारी राशि को अधिक बताया जा रहा है तो ग्रामीण इस राशि को नुकसान की अपेक्षा बेहद कम बता रहे है और प्रशासन से और राशि की मांग की है। ग्राम पंचायत देवपुर के उप सरपंच मनोज मंडल ने बताया की देवपुर में जिस दौरान आंधी आई उस दौरान पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर के चपेट में था। और उनका गांव भी इससे अछूता नहीं था। गांव में कोरोना के प्रकोप ऐसा था की 30 से अधिक कोरोना पीड़त गांव में थे जिस कारण पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया था। इस दौरान आंधी से पूरे गांव के घरों में बड़ी तबाही हुई पर प्रशासन के अधिकारियों कमर्चारियों ने इस खतरे के बाद भी घर घर जा सर्वे किया महज तीन दिनों में मुआवजा भी दिया।
प्रशासन की ओर से प्राप्त चैक का भुगतान जल्दी से जल्दी हो इसके लिए बैंकों को निर्देश दिए जिससे लोगों को जल्दी राहत मिल पाई। इस आंधी में नुकसान अधिक होने के बाद भी लोगों को कम पैसे मिले पर सभी प्रशासन के काम को देख चुप रहे। पर अब प्रशासन द्वारा अधिक पैसे दिऐ जाने की बात कह पीड़ितों के जखमों को कुरेदा जा रहा है। सरपंच संघ अध्यक्ष राजाराम कोमरा, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष पंकज साहा ने कहा कि शासन की ओर से कच्चे मकान के लिए अधिकत्म 96 हजार का मुआवजा तय है पर स्थानीय प्रशासन ने आठ दस हजार ही दिया है अब उसे भी ज्यादा बताया जा रहा है।
पूरे प्रदेश में इसी तहर से मुआवजा बंट रहा है तो फिर परलकोट क्षेत्र के बंग समुदाय के लोगों को मिले मुआवजे पर ही सवाल क्यों उठाऐ जा रहे है। उन्होनें बताया की जिस दौरान यह मुआवजा बांटा जा रहा था उस दौरान पखांजूर में अनुविभागीय अधिकारी धनंजय नेताम थे। और स्वंम ग्रामीणों को मुआवजा वितरण करने गांव गांव जा रहे थे फोटा खिंचवा स्थानिय विधायक से वाहवाही लूट रहे थे। वतर्मान में वे कांकेर जिला मुख्यालय में आपदा प्रबंधन विभाग देख रहे है और उन्हीं मामलो पर सवाल उठा रहे है। अगर देवपुर में मुआवजा वितरण में कोई गड़बड़ी हुई है तो इसके लिए तात्कालिक अनुविभागीय अधिकारी भी जिम्मेदार है।
