रुपया 18.32 लाख का गबन,दुग्ध समिति के अध्यक्ष को दो साल का जेल,आधार लिंक कराते समिति के खाते से निकाल ली राशि—

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–


पखांजूर।
न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी रविकुमार कश्यप पखांजूर की अदालत ने फजीर्वाड़ा के मामले में अभियुक्त कातिर्क हालदार को दो वर्ष की साधारण कारावास तथा पांच सौ रूपए के अथर्दंड की सजा सुनाई है। मामला पखांजूर थाना अंतगर्त कापसी का है जहां दुग्ध समिती कापसी के अध्यक्ष रहने के दौरान आरोपी ने समिती के खाते में स्वंम का आधार कार्ड लिंक करा 18 लाख से अधिक की राशि आहरण का कर लिया था। मामले के खुलासे के बाद दुग्ध महा संघ के मार्ग पवेर्क्षक रविन्द्रनाथ हालदार की शिकायत पर पुलिस अप्रैल 21 में धारा 409 तथा 420 के तहत मामला दर्ज किया था।
दुग्ध समिती कापसी के अध्यक्ष रहने के दौरान आरोपी कातिर्क हालदार पिता फटीक हालदार उम्र 43 वर्ष निवासी कापसी द्वारा कापसी स्थित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक कापसी शाखा स्थित समिती के खाते में अपना आधार लिंक करा लिया था। और इसी आधार पर लोक सेवा केंद्र के माध्यम से अंगूठा लगा समिती के खाते से 18 लाख 32 हजार 920 रूपए की राशि का आहरण कर लिया। आरोपी अध्यक्ष ने यह राशि दिनांक 3 अक्टूबर 2019 से 11 मार्च 2021 के बीच धीरे धीरे आहरण की। जिस दौरान अध्यक्ष द्वारा राशि आहरण करने का काम चल रहा था इसी दौरान कोरोना का संकट था ऐसे में समिती कई माह तक बंद भी रही साथ ही समिती का आडिट समय पर नहीं हो पा रहा था। और इसका फायदा उठा अध्यक्ष ने ढेड़ वर्ष तक कोई हिसाब न देते हुए खाते से राशि आहरण करता रहा। जिस दौरान कभी अडिट की बात होती तो वह कोई न कोई बहाना बना टरका देता। पर अध्यक्ष समिती की हो रही आय का पूरा हिसाब देता और उसे बकायदा खाते में जमा भी कराता। आय राशि समिती के बैंक खाता में नियमित जमा कराई जा रही थी और समिती के खाते से राशि आहरण का अधिकार अध्यक्ष उपाध्यक्ष तथा सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से होना था ऐसे में सभी निश्चिंत थे। पर मामले का खुलासा तब हुआ जब अध्यक्ष ने काफी दवाव के बाद भी बैंक खाते का कोई विवरण नहीं दिया। जिसके बाद समिती के अन्य सदस्यों ने स्वंम बैंक पहुंच खाते के लेन देन की जानकारी ली तो इस खाते से 18 लाख से अधिक की राशि आहरण की जानाकरी मिली। जिसके बाद समिती के सदस्यों ने अध्यक्ष पर राशि वासप करने का दवाव बनाया पर अध्यक्ष ने राशि वापस करने से मना कर दिया। जिसके बाद समिती के सदस्यों ने प्रशासन से भी राशि वापस दिलाने की मांग की पर कोई कायर्वाही न होते देख इस मामले में समिति के पवेर्क्षक द्वारा पुलिस में मामला दर्ज कराया गया। इस मामले में पखांजूर पुलिस द्वारा धारा 409 तथा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया। न्यायालय ने आरोपी अध्यक्ष को 420 के मामले में वरी कर दिया पर धारा 409 आपराधिक न्यास भंग के मामले में दोषी पाया और सजा सुनाई। इस मामले के अभियोजन अधिकारी भूपेन डहरिया रहे।

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