आकाश दत्त मिश्रा
मुंगेली/ ‘गुरु पूर्णिमा’ के पावन अवसर पर “पूर्व माध्यमिक विद्यालय टेमरी” में गुरु पूजन पर्व भारतीय संस्कृति अनुरूप माँ सरस्वती की पूजन कर व सभी बच्चों को प्रसाद वितरित कर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस उत्सव के महत्वता को सभी शिक्षकों ने बच्चों के समक्ष अपने अपने शब्दों के माध्यम से उल्लेखित किया। इस अवसर पर प्रभारी प्रधान पाठक सबरुद्दीन शेख द्वारा बच्चों को शुभकामनाएं दीं गई और इसे मानव जाति को प्रेरित करने तथा मार्ग दिखाने वाले सभी अनुकरणीय शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन बताया। वरिष्ट शिक्षक प्रमोद कुमार जोशी ने इस अवसर पर बच्चों को बताया कि शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. सबसे पहले वेदों की शिक्षा महर्षि वेदव्यास ने ही दी थी, इसलिए हिन्दू धर्म में उन्हें प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है. यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है
. शिक्षक प्रेमदास वैष्णव ने बच्चों को प्रेरित करते हुवे कहा कि यह उन सभी अनुकरणीय गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है, जिन्होंने हमें प्रेरित किया, हमें मार्ग दिखाया और हमें जीवन के बारे में इतना कुछ सिखाया। कार्यक्रम के दौरान संचालन शिक्षक रामपाल सिंह ने किया इस अवसर पर शिक्षक, परमेश्वर देवांगन, आशीष ठाकुर, शिक्षिका लता बंजारे, शालिनी राठौर और स्कूल के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थिति रही।