ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है. एसोसिएशन ने कहा है कि यदि उनकी ओर से मांगी गईं मांगों को नहीं माना गया तो वे 31 मई को सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे. बता दें कि यदि ऐसा होता है तो देशभर में ट्रेनों के परिचालन पर बड़ा असर पड़ सकता है. देशभर के 35,000 स्टेशन मास्टर अपनी मांगों को मनवाने के लिए साल 2020 से संघर्षरत हैं.बता दें कि स्टेशन मास्टरों ने सरकार से कई मांगे की हैं. रेलवे में सभी रिक्तियों को जल्द से जल्द भरा जाना. सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल करना. स्टेशन मास्टरों के संवर्ग में एमएसीपी का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान करना, ट्रेनों के सुरक्षित और समय पर चलने में उनके योगदान के लिए स्टेशन मास्टरों को सुरक्षा और तनाव भत्ता देना.
इसके अलावा, रेलवे का निजीकरण एवं निगमीकरण रोकना और न्यू पेंशन स्कीम बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू किया जाना भी स्टेशन मास्टरों की सरकार से की गई मांगों में शामिल है. मालूम हो कि स्टेशन मास्टर ही ट्रेन के परिचालन संबंधित स्टेशन पर निर्णय लेते हैं. यदि स्टेशन मास्टर एक दिन की हड़ताल पर जाते हैं तो रेलवे के परिचालन पर बड़ा असर पड़ सकता है.