
आकाश दत्त मिश्रा

प्रशासन द्वारा भले ही रात 10:00 बजे तक डीजे संचालन की अनुमति दी गई हो, लेकिन इस नियम का पालन अक्सर नहीं हो पाता। आम धारणा है कि डीजे संचालक ही इस नियम का पालन नहीं करते, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। डीजे की बुकिंग कराने के बाद अक्सर बराती और घराती खुद को सभी नियम कायदों से परे समझने लगते हैं और उनके ही दबाव के चलते अक्सर डीजे संचालकों को नियम भंग करना पड़ता है। इसी तरह की एक घटना में तखतपुर के क्षेत्र के ग्राम कुआं में डीजे ऑपरेटर के साथ बारातियों ने मारपीट कर दी। पंडोतरा सेत गंगा से आकाश टंडन, विकास के घर से 7 मई को बारात तखतपुर क्षेत्र के ग्राम कुआं गई थी। मुंगेली के कर्मा डीजे के संचालक महेंद्र साहू के साथ बुकिंग के समय यह निर्धारित हुआ था कि डीजे रात 9:30 बजे तक बजाय जाएगा लेकिन बारात देर से पहुंची और उदारता दिखाते हुए डीजे संचालक द्वारा 10:00 बजे तक डीजे बजाया जाता रहा। इसके बाद बाराती हुज्जत करने लगे तो मजबूरी में 10:30 बजे तक भी डीजे बजता रहा। लेकिन इसके बाद डीजे ऑपरेटर ने नियम कायदों का हवाला देकर डीजे बंद कर दिया, जिससे बाराती भड़क गए और कुछ लोगों ने डीजे ऑपरेटर और ड्राइवर चैनुराम के साथ मारपीट कर दी। ग्राम कुआं में हंगामा मच गया। बारातियों द्वारा डीजे संचालन कर रहे लोगों के साथ मारपीट किए जाने की खबर पाकर कर्मा डीजे के संचालक और जिला यूनियन के सचिव महेंद्र साहू तत्काल मौके पर पहुंचे और घटना को संज्ञान में लिया। उस वक्त किसी तरह से मामला रफा-दफा हुआ, लेकिन इसके बाद यूनियन के सदस्य लामबंद हो गए और उन्होंने लगातार इस तरह की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही के लिए एकजुटता दिखायी।

200 से अधिक की संख्या में डीजे संचालक इकट्ठा हुए और मामले के निपटारे के लिए ग्राम पंचायत पंडोतरा सेतगंगा पहुंचे, जहां पंचायत की बैठक हुई और डीजे संचालकों ने अपना पक्ष रखा। इस पूरे घटना की कठोर निंदा करते हुए कहा गया कि डीजे साउंड लाइट्स मालिक कल्याण समिति मुंगेली के सदस्यों के साथ इस तरह का बर्ताव कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में दोषियों द्वारा पूरे गांव के समक्ष माफी मांगने की मांग की गई, अन्यथा दोषियों के खिलाफ पुलिस में f.i.r. करने की चेतावनी दी गई। आखिरकार डीजे संचालकों की एकजुटता के आगे अपराधी तत्वों को झुकना पड़ा और डीजे ऑपरेटर के साथ मारपीट और बदसलूकी करने वालों ने पूरे गांव के सामने अपने कृत्य के लिए निशर्त क्षमा याचना की।
इस घटनाक्रम से एक तरफ जहां डीजे संचालकों की एकजुटता नजर आई तो वही बारात में शामिल असामाजिक तत्वों को इस तरह से मुंह तोड़ जवाब भी दिया गया। कोरोना काल में करीब 2 साल तक कोई काम ना मिलने से परेशान डीजे, लाइट ,साउंड संबंधी व्यवसाय करने वालों के लिए हमेशा नई चुनौतियां सामने होती है। अक्सर घराती और बराती अपना गुस्सा इन पर उतारते हैं । जिला प्रशासन के नियम से बंधे डीजे संचालक अगर नियम पालन की बात करते हैं तो बराती उनके साथ मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में संगठन की एकजुटता ही परिस्थितियां बदल सकती है। इस मामले में डीजे ऑपरेटर और ड्राइवर के साथ किए गए बदसलूकी पर जिस तरह से यूनियन ने संज्ञान लिया वह निश्चय ही काबिले तारीफ है।
