आकाश दत्त मिश्रा


4 राज्यों में भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत और छत्तीसगढ़ उपचुनाव के दौरान किए गए एग्जिट पोल नतीजे में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिलती सफलता के दावे के बीच जमीनी स्तर पर भारतीय जनता पार्टी की चुनावी तैयारियां आरंभ हो चुकी है। कयास लगाया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी इस बार 90% नए चेहरों पर दांव लगाएगी। यही कारण है कि तमाम  दावेदारों की सक्रियता बढ़ गई है। इसी दौरान जब पिछले दिनों लोरमी में आयोजित टेनिस बॉल क्रिकेट स्पर्धा में मुख्य अतिथि और भाजपा के दिग्गज नेता बृजमोहन अग्रवाल के साथ छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रमुख चेहरा और लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह भी स्पॉट किए गए तो चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। 

प्रदेश की राजनीति में तीसरा कोण बन कर उभरी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के नेपथ्य में चले जाने के बाद यह माना जा रहा है कि प्रदेश के बड़े चेहरों में शुमार धर्मजीत सिंह अपने लिए राजनीति की ज़मीन  तलाश रहे हैं। 
वर्तमान में प्रदेश में कांग्रेस के बड़े चेहरों से उनकी नहीं बनने की सूरत में धर्मजीत सिंह के भाजपा में जाने की अटकलें पिछले 2 सालों से लगाए जा रहे हैं। इसी दौरान जब वे भाजपा के बड़े नेता बृजमोहन अग्रवाल के साथ नजर आए तो जाहिर तौर पर सवाल उठने लाजमी थे। पत्रकारों ने भी जब इस मौके पर यही सवाल किया तो सभी संभावनाओं को जीवित रखते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि चूंकि धर्मजीत सिंह लोरमी के विधायक है। इसलिए उनके विधानसभा क्षेत्र में उनकी उपस्थिति स्वाभाविक है। लेकिन उन्होंने धर्मजीत के भाजपा प्रवेश और आगामी चुनाव में उनकी दावेदारी की संभावनाओं  को भी खारिज नहीं किया।


 क्रिकेट खेल के समानांतर राजनीति का यह खेल भी चर्चा का विषय रहा।

 छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस अब जमीनी स्तर पर पूरी तरह खत्म हो चुकी है। ऐसी पार्टी से शायद ही धर्मजीत सिंह अपना भाग्य आजमाये। ऐसे में उनके सामने भारतीय जनता पार्टी के रूप में नया विकल्प हो सकता है। संभावना जताई जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें लोरमी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है। उनकी निगाह वैसे कोटा और तखतपुर पर भी है।
 लंबे समय से भाजपा के साथ संपर्क में रहने के बावजूद अभी तक उनका औपचारिक रूप से भाजपा में प्रवेश नहीं हुआ है। शायद वे अब भी संभावनाएं तलाश रहे हैं और राजनीतिक सौदेबाजी भी जारी है। लेकिन बृजमोहन अग्रवाल के साथ धर्मजीत सिंह के नजर आने पर क्षेत्र के  उन भाजपा नेताओं पर वज्रपात हुआ है जो यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि इस सीट पर उन्हें टिकट मिल सकती है।  इनमें सर्वाधिक चेहरे साहू समाज से हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि लोरमी विधानसभा और  बिलासपुर लोकसभा में साहू समाज निर्णायक भूमिका में है। 

ऐसे दावेदारों में जिला पंचायत सदस्य शीलू साहू, दुर्गा उमाशंकर साहू, सरपंच उमाशंकर साहू, पूर्व विधायक तोखन साहू जैसे कई नाम शुमार है। भीतर खाने से यह खबर भी आ रही है कि अगर प्रदेश स्तर पर निर्णय लेते हुए पार्टी धर्मजीत सिंह जैसे किसी पैराशूट उम्मीदवार को मैदान में उतारती है तो फिर स्थानीय कार्यकर्ता बगावत कर सकते हैं। शायद इन्हीं परिस्थितियों को टटोलने के लिए ही बृजमोहन अग्रवाल अपने साथ धर्मजीत सिंह को लेकर लोरमी पहुंचे थे, ताकि जमीनी हलचल का एहसास हो सके।
 जानकार बता रहे हैं कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में धर्मजीत सिंह का भाजपा प्रवेश लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन यह तय नहीं है कि पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव में ही आजमाएगी। क्योंकि  देश भर में जारी मोदी लहर के चलते उन्हें लोकसभा प्रत्याशी भी बनाया जा सकता है। जानकार कयास लगा रहे हैं कि अगर इस बार भारतीय जनता पार्टी नए चेहरों पर दांव लगाती है तो ऐसे में बिलासपुर से अमर अग्रवाल का भी टिकट कट सकता है और इस सूरत में वे लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में अमर विरोधी खेमा उनका विकल्प तलाश रहा है। इसी प्रयास में नजरें फिलहाल धर्मजीत सिंह पर टिकी हुई है।
 फिलहाल पार्टी मतदाताओं के साथ अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की भी नब्ज टटोल रही है कि वह धर्मजीत सिंह को कितनी सहजता के साथ स्वीकार करते हैं। इसके बाद ही पार्टी के निर्णायक समिति के सदस्य अगला कदम उठाएंगे। फिलहाल संभावनाओं के सभी द्वार खुले हुए हैं, लेकिन इसी बीच लोरमी में धर्मजीत सिंह का बृजमोहन अग्रवाल के साथ नजर आना ही चर्चा का विषय बन गया है, और इस ने नयी बहस को जन्म दिया है। देखना दिलचस्प होगा कि राजनीति की बिसात पर आने वाले दिनों में किस तरह के पासे फेंके जाते हैं और ऊंट किस करवट बैठता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!