छठ महापर्व के सफल आयोजन के बाद समीक्षा बैठक सम्पन्न,समिति ने उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर की विस्तृत चर्चा

बिलासपुर। पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच, भोजपुरी समाज और सहजानंद समाज द्वारा रजत जयंती वर्ष में छठ घाट पर आयोजित भव्य और सफल छठ महापर्व के बाद परंपरानुसार वार्षिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में समाज के पदाधिकारियों, संरक्षक मंडल और बड़ी संख्या में सदस्यों ने भाग लेकर आयोजन की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।

रजत जयंती वर्ष में प्रभावशाली आयोजन

डॉ. कुमुद रंजन सिंह ने आयोजन से जुड़ा लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए भंडारा और प्रसाद निर्माण में सहयोग देने वाले सभी सदस्यों और दानदाताओं के प्रति आभार जताया। उन्होंने बताया कि रजत जयंती वर्ष के अवसर पर इस वर्ष का आयोजन पिछले वर्षों की तुलना में अधिक सुव्यवस्थित व भव्य रहा।

प्रशासन का मिला अभूतपूर्व सहयोग

मंच के पूर्व अध्यक्ष एवं छठ पूजा संचालन समिति के सदस्य प्रवीण झा ने कहा कि इस वर्ष जिला प्रशासन, पुलिस एवं नगर निगम का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ। इसका परिणाम रहा कि शाम 6 बजे अर्घ्य देने के बाद 6:30 बजे तक अधिकांश व्रती सुरक्षित रूप से अपने घर पहुँच गए और कहीं भी ट्रैफिक जाम की स्थिति नहीं बनी।
उन्होंने इस वर्ष किए गए नए प्रयोग—पदाधिकारी नियुक्ति की जगह पाँच सदस्यीय संचालन समिति के गठन—पर सदस्यों से सुझाव भी आमंत्रित किए।

कुछ विभागों की उदासीनता पर खेद

सहजानंद समाज के अभय नारायण राय ने कहा कि बिलासपुर का छठ महापर्व अब पूरी शहर की एक बड़ी पहचान बन चुका है। इसके सफल आयोजन में सभी की भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने खेद जताया कि इस वर्ष कुछ विभागों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि आयोजन को और बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर प्रयोग होते रहना आवश्यक है।

धरोहर के संरक्षण पर ज़ोर

पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष एवं संचालन समिति सदस्य डॉ. धर्मेंद्र कुमार दास ने कहा कि 25 साल पहले एसपी सिंह और उनके कुछ साथियों द्वारा देखा गया सपना आज पूरे शहर की सांस्कृतिक धरोहर बन चुका है।
उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए गर्व का विषय तो है ही, साथ ही एक बड़ी जिम्मेदारी भी है कि इस धरोहर को सुरक्षित रखते हुए इसे आगे बढ़ाया जाए।”
डॉ. दास ने समाज को आंतरिक मतभेदों का समाधान समाज के भीतर रखने और सार्वजनिक मंच पर एकजुटता का संदेश देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यदि समाज संगठित रहा, तो भविष्य में उन्हें और बड़ी जिम्मेदारियाँ तथा भूमिकाएँ प्राप्त होंगी।

उन्होंने संचालन समिति में किए गए नए प्रयोग को सफल बताया और कहा कि छोटी-मोटी त्रुटियों को सुधारते हुए आने वाले वर्षों में आयोजन को और बेहतर बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर उन्होंने संरक्षक मंडल के प्रमुख सदस्यों—एसपी सिंह, एचपीएस चौहान, बृजेश सिंह, एसके सिंह, अभय नारायण राय, सुधीर झा, संजय सिंह राजपूत और प्रवीण झा—के योगदान की सराहना की।

सभी वरिष्ठ–कनिष्ठ सदस्यों की रही उपस्थिति

समीक्षा बैठक में समाज के सभी वरिष्ठ एवं युवा सदस्यों की उपस्थिति रही। बैठक के बाद सामाजिक प्रतिभोज का भी आयोजन किया गया।

बिलासपुर में छठ महापर्व के ऐतिहासिक रजत जयंती आयोजन को सफल बनाने के बाद समिति का यह आत्ममंथन आगामी वर्षों के आयोजन को और अधिक व्यापक और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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