सूरीनाम की भव्य-अद्भुत बड़े दीप वाली दिवाली


कल दिवाली का पर्व था , आप सब ने अपने परिवार के साथ इसे मनाया होगा
हम आप को ले चलते देश से हजारों मील दूर दक्षिण अमेरिका के छोटे से देश सूरीनाम में , वहां की राजधानी पारामारिबो
वहां हमारे सनातनियों की एक बहुत बड़ी आबादी रहती है , यहां की राजकीय भाषा डच है किन्तु हमारे सनातनी यहां सरनामी बोलते है लिखते है जो भोजपुरी अवधी का ही एक मिश्रित रूप है , जो इन्हें इनके गिरमिटिया पूर्वजों से विरासत में मिला
तो ये है यहां का इंडिपेंडेंस स्क्वायर
यहां वे भी घरों में पूजा पाठ करते है किन्तु सार्वजनिक रूप से भी दिवाली मनाते है


यहां एक बड़ा दीप प्रज्वलित किया जाता है , और सभी सनातनी इस में अपने। हाथों से थोड़ा सा तेल डालते है , ये इनके परस्पर सौहाद्र व एकता का प्रतीक है
चित्र में मेरे साथ है सूरीनाम निवासी मेरी मित्र
सनन्द्रा लुटावन जी
जो हिन्दी साहित्य में
अभिन्न रुचि रखती है , मेरी मित्र है
अपने सनातनी होने पर इन्हें गर्व है
बाकी प्रथा तो वैसी ही है जैसे भारत में है
ये सार्वजनिक स्थान पर बड़ा दीप जलाना और सब का उस में तेल डालना बहुत ही सुंदर लगा, ये हमारी सामाजिक एकता और सम भाव का प्रतीक है।
उन्होंने अपनी भावनाओं को इन पंक्तियों में वयक्त किया है..

जब दिया जलता है, तो केवल तेल नहीं, भावना भी जलती है।
हर रोशनी के साथ एक नई आशा जन्म लेती है।
दिवाली के दीप केवल घरों को नहीं,
बल्कि दिलों को भी रोशन करते हैं।
माँगे सुरिनाम का हर कोना सदा भरा रहे
शांति, प्रेम और प्रकाश से।
उन्होंने इसे देवनागरी में लिखा है और शुद्ध हिन्दी में , जबकि वहां डच बोली जाती है क्यों कि ये देश कभी नीदरलैंड का उपनिवेश था , हमारे लोग वहां आपस में सरनामी बोलते है जो रोमन लिपि में लिखी जाती है , जैसे हमारे यहां लोगों का झुकाव अंग्रेजी के लिए है , वैसे ही वहां डच के लिए
तो जैसे हम हिन्दी के अधिक अनुप्रयोग का अनुरोध करते है , वैसे ही वहां सरनामी और हिन्दी के अधिक प्रयोग के लिए अनुरोध किया जाता है
हम तो बोलीला और बात करिला सरनामी में, तू तो भी बोल! अरे जगों मित्रों सरम न करिए…!
सरनामी हमारी ही भासा है!
रोमन लिपि में जिस में यूरोप की भाषाएं लिखी जाती है , सरनामी भी रोमन लिपि ने लिखी जाती है
आप को समझ आए इसलिए मैने देवनागरी में लिखा , बहुतों को ये भोजपुरी लगेगी किन्तु ये सरनामी है
इस पर फिर कभी लंबी चर्चा करेंगे
अभी तो दिवाली है , पटाखे है , मिठाई है रोशनी है
तो सुदूर देश में बसे हमारे अपने सभी सनातनी भाई बहनों को , भारत वर्ष से दिवाली की हार्दिक बधाई


आप सभी सूरीनाम के मित्रो का मित्र
आप का
डॉ संजय अनंत ©

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