

रायपुर। बहुचर्चित अवैध कोल लेवी वसूली प्रकरण में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बुधवार को दो और आरोपियों — देवेंद्र डडसेना और नवनीत तिवारी — के खिलाफ चालान पेश किया है। ईओडब्ल्यू ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भा.द.वि. की धारा 120बी, 384, 420, 467, 468, 471 सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धाराओं 7, 7A और 12 के तहत मामला दर्ज कर विशेष न्यायालय (भ्र.नि.अ.), रायपुर में लगभग 1,500 पृष्ठों का अभियोग पत्र प्रस्तुत किया है। वर्तमान में दोनों आरोपी केंद्रीय जेल रायपुर में निरुद्ध हैं।
इससे पूर्व, जुलाई 2024 में ईओडब्ल्यू ने इस प्रकरण में 15 आरोपियों — सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर विश्नोई, शिवशंकर नाग, संदीप नायक, सूर्यकांत तिवारी, निखिल चंद्राकर, लक्ष्मीकांत तिवारी, हेमंत जायसवाल, चंद्रप्रकाश जायसवाल, शेख मोइनुद्दीन कुरैशी, पारेख कुर्रे, राहुल सिंह, रोशन कुमार सिंह और वीरेन्द्र जायसवाल — के खिलाफ पहला चालान पेश किया था। वहीं, अक्टूबर 2024 में मनीष उपाध्याय और रजनीकांत तिवारी के खिलाफ पूरक चालान दायर किया गया था।
देवेंद्र डडसेना की भूमिका:
ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि देवेंद्र डडसेना, जो कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल का निजी सहायक था, अवैध कोल लेवी वसूली से प्राप्त बड़ी नकद राशि का मुख्य रिसीवर और मध्यस्थ था। “भवन” नाम से कांग्रेस भवन रायपुर में दर्ज प्रविष्टियाँ इसी के माध्यम से किए गए अवैध लेन-देन को प्रमाणित करती हैं। डडसेना ने न केवल अवैध राशि प्राप्त की बल्कि उसे आगे अन्य आरोपियों तक पहुंचाने में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
नवनीत तिवारी की भूमिका:
आरोपी नवनीत तिवारी अवैध कोल लेवी सिंडिकेट का सक्रिय सदस्य था, जो सूर्यकांत तिवारी के निर्देश पर रायगढ़ जिले में कोयला कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली करता था। यह रकम वह नियमित रूप से रायगढ़ से रायपुर स्थित सिंडिकेट के सदस्यों तक पहुंचाता था। जांच में यह भी सामने आया है कि सूर्यकांत तिवारी द्वारा अवैध आय से खरीदी गई कई संपत्तियाँ नवनीत तिवारी के नाम बेनामी संपत्ति के रूप में दर्ज हैं।
ईओडब्ल्यू के अनुसार, इस मामले में संभावित अन्य आरोपियों के विरुद्ध जांच अभी जारी है।
