

बिलासपुर ईसाई धर्मांतरण का गढ़ बन चुका है। यहां बड़ी संख्या में भोले भाले मासूमों को ईसाई बनाया जा रहा है, शहर में हर रविवार को ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही थी, जिसे लेकर हिंदू संगठनों ने अभियान चलाया, जिसके कारण शहर और आसपास इस तरह की गतिविधियां फिलहाल रोक दी गई है।
लेकिन इस रविवार को सीपत क्षेत्र में बड़े धर्मांतरण के रैकेट का पता चला। प्रार्थना सभा के नाम पर हिंदुओं को जोड़कर धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा था। सूचना पाकर जब बिलासपुर से बजरंग दल के लोग मौके पर पहुंचे तो देखा कि करीब 300 लोग वहां मौजूद है। हिंदू संगठनों को देखकर ही वे हमलावर उठे। खासकर उन्होंने अपनी महिलाओं को आगे कर दिया , जिन्होंने पथराव करते हुए विरोध कर रहे लोगों के साथ हिंसा की। बाद में इन लोगों ने सीपत थाने का घेराव भी कर दिया।

शुरुआती दिनों में अवैध धर्मांतरण का विरोध होने पर धर्मांतरण करने वाले बैक फुट पर नजर आ रहे थे लेकिन अब उन्होंने अपनी रणनीति बदल ली है और वे न केवल विरोध करने वालों पर हमलावर है बल्कि वे थाने का घेराव कर पुलिस पर भी दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। शाम तक सीपत थाने में इस वजह से हंगामा चल। बाद में सीपत पुलिस ने ईसाई समाज के सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया, जिसका विरोध ईसाई समाज करता रहा। दोनों ओर के लोग नारेबाजी कर पुलिस पर दबाव बनाते देखे गए ।

दरअसल प्रदेश में अवैध धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून नहीं बनाए जाने से ही धर्मांतरण में लिप्त लोगों के हौसले बुलंद हो रहे हैं क्योंकि पुराने कानून के अनुसार उनके खिलाफ कोई खास कार्रवाई नहीं हो पा रही। प्रदेश सरकार बार-बार सख्त कानून बनाने की बात कहती तो है लेकिन अब तक इसे अमली जामा नहीं पहनाया गया।

रविवार को सीपत थाना क्षेत्र के एक मकान में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें आसपास के गांव से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे । यहां पास में खाली सरकारी जमीन पर भी टेंट लगाया गया था। मौके पर रहने वाले लोगों ने बताया कि प्रार्थना सभा के नाम पर अवैध रूप से धर्मांतरण कराया जा रहा है। सूचना पाकर जब हिंदू संगठन के लोग मौके पर पहुंचे तो आयोजको के साथ उनकी भिड़ंत हो गई। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची। एक तरफ हिंदू संगठन से जुड़े लोग थाने के बाहर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करते देखे गए तो वही अपने साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से नाराज ईसाई समुदाय के लोगों ने थाने का घेराव कर दिया।

इस पूरे मामले में खास बात यह देखी गई कि विरोध करने वालों पर हमला करने के लिए महिलाओं को आगे किया गया ताकि विरोध करने वालों पर महिला प्रताड़ना का मिथ्या आरोप लगाया जा सके। इस दौरान पथराव की भी शिकायत मिली है। पुलिस मामले में जांच कर रही है। हिंदू संगठनों का आरोप है कि विदेशी फंडिंग के जरिए पूरे प्रदेश में अवैध धर्मांतरण का कार्य किया जा रहा है। वहीं ईसाई पास्टर कह रहे हैं कि संविधान उन्हें अपने धर्म के पालन का अधिकार देता है, लेकिन यही संविधान कहता है कि किसी को भी भय दिखाकर या प्रलोभन देकर उन्हें धर्मान्तरित करना अपराध है । फिलहाल इसे लेकर सख्त सजा नहीं है इसीलिए ऐसे तत्वों के हौसले बुलंद है, क्योंकि धर्मान्तरण केवल धर्म पालन की बात नहीं है, इसके जरिए डेमोग्राफी बदलकर सत्ता बदलने के खतरनाक मंसूबे पर कार्य किया जा रहा है।
