

बिलासपुर। सरकंडा थाना क्षेत्र में एक विवाहिता को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में पुलिस ने उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है। मृतका के परिजनों के आरोप और जांच के बाद सामने आया कि पति आए दिन मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता था और बीमारी के बावजूद इलाज नहीं करवाता था। प्रताड़ना से तंग आकर पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
जानकारी के अनुसार, आरोपी अंकित उर्फ निक्कू देवांगन (26 वर्ष), निवासी श्याम नगर लिंगियाडीह, बजरंग मंदिर के पास, सरकंडा, को सरकंडा पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। आरोपी ने घटना के बाद स्वयं थाने में मर्ग की सूचना दी थी, लेकिन जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
घटना 5 अप्रैल 2025 की है, जब सुबह करीब 10 बजे अंकित ने थाने में सूचना दी कि उसकी पत्नी सुलोचना देवांगन ने घर के कमरे में पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग क्रमांक 50/25 धारा 194 बीएनएसएस के तहत मामला दर्ज कर शव पंचनामा की कार्रवाई की।
जांच के दौरान मृतका के परिजनों के बयान व साक्ष्यों से यह स्पष्ट हुआ कि फरवरी 2023 में सुलोचना की शादी अंकित से हुई थी और उनकी एक डेढ़ साल की बेटी कायरा है। मृतका सुलोचना लंबे समय से बीमार थी और अक्सर इलाज के लिए पति से कहती थी, लेकिन आरोपी इलाज नहीं करवाता था। इसके विपरीत वह उसे ‘अनपढ़’ कहकर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता था। इसी प्रताड़ना से तंग आकर सुलोचना ने आत्महत्या कर ली।
विवेचना के दौरान जब पुलिस ने अंकित देवांगन से पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर आरोपी के खिलाफ धारा 108बी बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र जायसवाल, सीएसपी सिद्धार्थ बघेल और थाना प्रभारी निरीक्षक निलेश पांडेय के मार्गदर्शन में जांच कर रहे प्रधान आरक्षक विजय पांडेय ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि घरेलू हिंसा और उपेक्षा के मामलों में महिलाओं की मानसिक स्थिति को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। पुलिस ने मृतका को न्याय दिलाने की दिशा में तत्परता से कार्रवाई की है।
