

बिलासपुर, 26 जुलाई 2025 — कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आज बिलासपुर स्थित सीएमडी चौक के युद्ध स्मारक “अमर जवान” में “सिपाही रक्षासूत्र” कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, पूर्व महापौर किशोर राय, भाजपा कार्यकर्ता , पूर्व सैनिको और और आमजनो ने भाग लिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही, सिपाही रक्षासूत्र बांधकर अमर तेज को नमन किया गया। इस अवसर पर शौर्य‑गाथा और बलिदान की गाथा को सत्कारपूर्वक प्रस्तुत किया गया, जो राष्ट्र की सीमाओं को अक्षुण्ण बनाए रखने वाले अदम्य साहस का प्रतीक है।

देशभक्ति और बलिदान की प्रेरणा: कारगिल युद्ध (1999) में भारतीय सेना ने “ऑपरेशन विजय” और “ऑपरेशन सफेद सागर” के तहत लगभग 60 दिन तक संघर्ष कर सफलता प्राप्त की; इस दौरान रंगभूमि पर 527 सैनिक शहीद हुए और कई को परमवीर चक्र, महावीर चक्र व वीर चक्र से सम्मानित किया गया ।

बाहरी गतिविधियों का विवरण: इस वर्ष भारतीय सेना ने Kargil Vijay Diwas पर जनता के लिए तीन परियोजनाएँ भी शुरू की — एक डिजिटल श्रद्धांजलि पोर्टल (‘e‑shradhanjali’), एक QR‑कोड आधारित ऑडियो गाइड जो युद्धवृतांत सुनाने हेतु है, तथा बटालिक क्षेत्र में LoC के पास “Indus Viewpoint” ।

बलिदानी परिवारों की कहानी: एक प्रेरणादायक उदाहरण के तौर पर, शहीद हवलदार राजकुमार वशिष्ठ की वीर पत्नी रक्षा देवी ने भावुकता और गर्व से कहा कि वे नाती‑पोतों को भी फौज में भेजेंगी—a देशप्रेम और समर्पण की मिसाल ।

सामाजिक सहभागिता और संदेश: फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य माध्यमों पर “वतन पर जो फिदा होगा…” जैसे संदेशों के माध्यम से आमजन वीरता और बलिदान को नमन कर रहे हैं ।

यह आयोजन न केवल कारगिल युद्ध की 26वीं वर्षगांठ (26 जुलाई, 1999) को यादगार बनाता है, बल्कि उन वीर जवानों को अखण्ड श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिए। “सिपाही रक्षासूत्र” समारोह उनके साहस, शौर्य और देशप्रेम को सलाम है, जिसने भारतीय सीमाओं को अडिग रखा। अदम्य आत्मबल और निःस्वार्थ समर्पण का संदेश हर भारतीय तक पहुँचाता है कि देश से बड़ा कोई धर्म नहीं।


