

इन दिनों स्टेशन रोड बाराहखोली बंगला यार्ड में माता पूजा उत्सव मनाया जा रहा है। आयोजन का यह रजत जयंती वर्ष है, इसलिए आयोजन को बहुत ही भव्य तरीके से मनाया जा रहा है। प्रतिदिन की भांति मंगलवार को भी खड़कपुर से आए पुजारी पार्थ सारथी ने गीली हल्दी से देवी की मनोहारी प्रतिमा निर्मित की। इस दिन भक्तों ने श्री लक्ष्मी नरसिंह स्वामी की पूजा अर्चना की। लक्ष्मी नरसिंह संयुक्त रूप से भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार और देवी लक्ष्मी का स्वरूप है। इस स्वरूप में भगवान नरसिंह आधे सिंह और आधे मानव के रूप में है , साथ में देवी लक्ष्मी भी विराजमान है। मान्यता अनुसार इसे शांति, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। वैसे तो श्री लक्ष्मी नरसिंह स्वामी के कई प्रसिद्ध मंदिर भारत में है, जिसमें से सबसे प्रसिद्ध मंदिर सहयाद्रि की पहाड़ी में तेलंगाना में है। भुवन गिरी जिले में स्थित इस मंदिर को तेलंगाना का तिरुपति भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवान नरसिंह के पांच लोगों को समर्पित है, जिसका पुनर्निर्माण ब्लैक ग्रेनाइट से किया गया है। इस स्वरूप के दर्शन बिलासपुर के भक्तों ने भी किया।


गीली हल्दी की महिमा
प्रतिदिन यहां गीली हल्दी से देवी की प्रतिमा निर्मित की जाती है। अगले दिन यही हल्दी भक्तों के लिए उपलब्ध कराई जाती है। खासकर महिलाएं इस हल्दी को लेकर घर में जाकर इसे पूजा स्थल पर रखती है। किसी भी शुभ कार्य में जाने से पहले इस हल्दी का टीका लगाया जाता है, जिसे शुभकारी माना जाता है।
मंगलवार को देवी को पारंपरिक दक्षिण भारतीय पुलियाराम का भोग अर्पित किया गया, जिसे उनके भक्त माधवराव द्वारा समर्पित किया गया।

लकी ड्रा निकाल कर दिया जा रहा उपहार
सोमवार के विजेता

प्रतिदिन पंडाल पहुंचने वाली महिलाओं और बच्चों को निशुल्क कूपन वितरण किया जा रहा है, जिनका अतिथियों द्वारा लकी ड्रा निकाला जाता है। सोमवार को बच्चों की श्रेणी में नागपुर की विवंशी, एन ई कॉलोनी के मानस का लकी ड्रा निकाला, तो वहीं महिलाओं में गायत्री, एन कुमारी, सुजाता, अन्नपूर्णा, राधा, विजयलक्ष्मी, एल हरिका चिन्नम्मा और अश्विनी रही, जिन्हें अतिथि द्वारा साड़ी और फोटो फ्रेम प्रदान किया गया।
मंगलवार के विजेता
मंगलवार को अतिथि के रूप में डॉ विनोद तिवारी, डॉक्टर ओम मखीजा और एल एन मोनू परमानिक सम्मिलित हुए। बच्चों के समूह में वेदांत और हिमार्तिक के नाम की चिट निकली, जिन्हें स्टेशनरी सामग्री उपहार में दी गई , तो वहीं महिलाओं की श्रेणी में राधिका, पार्वती, पदमा रानी को साड़ी उपहार में दिया गया। इसके अलावा ममता दास, रजनी और टी मांगा को फोटो फ्रेम प्रदान किया गया। अतिथियों को भी स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका सम्मान किया गया।

शुक्रवार को कुमकुम पूजा
हर वर्ष श्री सोलापुरी माता पूजा के अवसर पर शुक्रवार को कुमकुम पूजा का आयोजन किया जाता है। इस बार भी यह आयोजन शुक्रवार को किया जाएगा, जिसमें महिलाएं व्रत रखकर अखंड सौभाग्य की कामना करते हुए विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करेगी।
