

शहर के प्रख्यात गणित विषय विशेषज्ञ, सुब्रत बैनर्जी सर का व्याख्यान सरस्वती शिशु मंदिर तिलक नगर में, कक्षा 9वीं से 12 वीं तक के छात्र छात्राओं के समक्ष हुआ,,, सरस्वती शिशु मंदिर के विशाल,, समबुद्ध कक्ष,, में 300 छात्रों के बीच,, सुब्रत बैनर्जी सर ने अपने, पचास वर्षों के शिक्षकीय जीवन की व्याख्या की, उन्होंने विवेकानंद जी के सूत्र वाक्य,, उठो जागो, और तब तक चलो, जब तक लक्ष्य हासिल ना हो जाए, इसे सामने रखते हुए, सविस्तार बताया कि किस प्रकार, से छात्रों को अपना लक्ष्य प्राप्त करना है,

छात्र जीवन के महत्वपूर्ण चार नियमों को अपने चरित्र में किस प्रकार उतारे, इसकी व्याख्या की, साथ ही उनके पढ़ाए हुए, करीब 5 हजार छात्र आज विदेशों में, तथा 15 हजार छात्र भारत में ही बड़े पदों को सुशोभित कर रहे हैं, उनके जीवनी को भी बताया,,, हिंदी माध्यम में पढ़ाने वाले, शालाओं की कमी पर, बोलते हुए,,सुब्रत बैनर्जी सर,, ने, रोष प्रकट करते हुए,गहरी चिंता जताई, उन्होंने कहा कि, इससे, राष्ट्रीय भाषा का अवमूल्यन हो रहा है,,,, अंत में बनर्जी सर ने, उपस्थित सभी छात्रों को शुभकामना देते हुए कहा कि,, कोई भी छात्र कभी भी उनके पास आकर अपनी पढ़ाई से संबंधित जिज्ञासा शांत कर सकता है,,, और इस वर्ष जो भी छात्र, जो कक्षा दसवीं अथवा बारहवीं वीं में पूरे शाला में, गणित विषय में सर्वाधिक अंक लेकर पास होगा उसे नगद राशि सहित, पुस्तके, पठन सामग्री, और पढ़ाई से संबंधित सभी आवश्यकता को अपनी तरफ़ से पूरी करेंगे,, आज के इस व्याख्यान में, सेंट्रल बंगाली एसोसिएशन के सम्मानित अध्यक्ष, विकास चन्द्र गोल्डर, अमित चक्रवर्ती, बारीव्रत बिस्वास, सहित शाला के प्राचार्य, राकेश पांडेय, अनुपम दुबे एवं सभी शिक्षक गण उपस्थित रहे, कार्यक्रम का संचालन, पूर्व छात्र, अभिजीत रिंकू मित्रा ने किया।

