जिला बलौदा बाजार भाटापारा पुलिस ने काजल किन्नर की हत्या की गुत्थी को 48 घंटे के भीतर सुलझाते हुए पांच हस्त्यारो को गिरफ्तार कर लिया है। किन्नरों के मठ प्रमुख बनने की लड़ाई में किन्नर की सुपारी देकर हत्या करवाई गई थी।
18 अक्टूबर को थाना सिटी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम ढाबा डीह के पास एक बंद पड़े पत्थर खदान के पानी में महिला की तैरती हुई संदिग्ध लाश मिली थी। सूचना पाने के बाद जब उसे बाहर निकाला गया तो जांच के दौरान उसके शव से 500- 500 रु की तीन गड्डी में कुल डेढ़ लाख रुपए मिले। पहली नजर में ही पता चला कि महिला को किसी धारदार हथियार से गले और अन्य हिस्से में वार कर उसकी हत्या की गई थी।
बाद में शव की पहचान जोरा जिला रायपुर निवासी काजल किन्नर के रूप में हुई। जिसकी थाना तेलीबांधा में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज थी। जांच में चौकाने वाला खुलासा हुआ।
पता चला कि रायपुर जोरा में किन्नरों का ठिकाना था। जहां तपस्या किन्नर मुंबई महाराष्ट्र से आकर रह रही थी, तो वहीं काजल लोकल रायपुर की ही थी। तपस्या किन्नर उर्फ मोहम्मद इमरान मठ की प्रमुख बनना चाहती थी लेकिन उसके रास्ते की सबसे बड़ी चुनौती काजल थी। काजल भी मठ प्रमुख की बड़ी दावेदार थी, इसलिए तपस्या किन्नर ने उसे रास्ते से हटाने का निर्णय लिया। उसने अपने साथ निशा किन्नर को मिला लिया और फिर इन लोगों ने सितंबर 2024 में गणेश उत्सव के दौरान काजल की हत्या करने की नीयत से ₹12 लाख निशा श्रीवास को दिए। निशा श्रीवास ने अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे के माध्यम से सुपारी किलर को ₹6 लाख रूपए दिला दिए लेकिन पता चला कि सुपारी किधर किसी दूसरे मामले में जेल चला गया।
जिसके बाद काजल की हत्या करने के लिए दो अन्य सुपारी किधर अंकुश और कुलदीप से सौदा किया गया। दो दिन पहले निशा श्रीवास रेकी करने अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे के साथ घटनास्थल ग्राम ढाबा डीह के पास पत्थर खदान पहुंची थी। फिर योजना अनुसार 17 नवंबर शाम करीब 5:00 बजे निशा श्रीवास ने काजल से कहा कि किसी पहचान वाले से ₹3 लाख लेना है जिसका दोनों में आधा-आधा बंटवारा करने की बात कही।
इस तरह से डेढ़ लाख रुपए का लालच देकर निशा किन्नर ने काजल को अपने अर्टिगा कार से बलौदा बाजार ले गयी, जिनके पीछे-पीछे सुपारी किलर अंकुश और कुलदीप मोटरसाइकिल से पहुंचे। अर्टिगा कार को ग्राम अमेरा के पास रोककर पीछे से आ रहे कुलदीप और अंकुश से पैसे देने की एक्टिंग करते हुए ₹300000 लिया गया, जिसमें से डेढ़ लाख रुपए काजल को दे दिए गए। इसके बाद अर्टिगा कार में बैठे हुए सभी लोग ड्राइवर हिमांशु, काजल और निशा किन्नर घटनास्थल पहुंचे। इस समय तक अंधेरा हो चुका था। इनके पीछे-पीछे सुपारी किलर अंकुश और कुलदीप भी बाइक से पहुंच गए। फिर मौका देखकर निशा और हिमांशु काजल को वहीं छोड़कर कार सहित भाग गए। इसके बाद सुपारी किलर अंकुश और कुलदीप ने चाकू से काजल की हत्या कर दी और उसके शव को पत्थर खदान के पास बने कुंड में फेंक दिया ।
पुलिस ने सभी संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिन्होंने मठ प्रमुख बनने और आपस में चल रहे लंबे विवाद के कारण सुपारी किलिंग की बात स्वीकार की। पुलिस ने इस मामले में साढ़े 10 लाख रुपये नगद ,एक अर्टिगा कार, स्प्लेंडर मोटरसाइकिल और चाकू बरामद किया है। पुलिस ने सभी पांचों आरोपियों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें से मुख्य आरोपी तपस्या किन्नर का असली नाम मोहम्मद इमरान है । इसके अलावा निशा श्रीवास किन्नर, हिमांशु बंजारे, सुपारी किलर कुलदीप कुरील और अंकुश चौधरी को भी पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया है।
इस घटना से यह साफ हुआ कि किन्नरों के पास किस कदर बे हिसाब दौलत है और इसी दौलत पर कब्जे के लिए वे किसी भी हद से गुजर सकते हैं।