आकाश मिश्रा
डॉक्टर वाई आर कृष्णा के निधन के बाद से हमेशा से ही किम्स अस्पताल बुरी खबरों की वजह से चर्चाओं में रहता है। इस बार एक बार फिर यहां से नया विवाद सामने आया है। अस्पताल प्रबंधन पर फर्जीवाड़ा का एक और आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि डायरेक्टर और अस्पताल अधीक्षक ने मिलकर दूसरे डायरेक्टर के 2 साल से अधिक का वेतन भुगतान कागज में ही कर दिया। अस्पताल के डायरेक्टर वाई आर कृष्णा की मृत्यु के बाद उनके करोड़ों रुपए की संपत्ति को लेकर पारिवारिक विवाद चल रहा है, जिस पर पहले ही कई केस दर्ज है। फर्जी वसीयत का मामला भी हाईकोर्ट में चल रहा है। इधर अस्पताल के डॉक्टर और डॉक्टर कृष्ना के बड़े बेटे डॉक्टर राजशेखर ने शिकायत की है कि उनके पिता के नाम की संपत्ति को हथियाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर कोर्ट को गुमराह किया जा रहा है। उनका दावा है कि वे अस्पताल में डायरेक्टर के तौर पर काम कर रहे हैं, जिसके एवज में उन्हें हर महीने चार लाख रुपये वेतन मिलता है, लेकिन अक्टूबर 2022 से उनका वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि किम्स हॉस्पिटल की ओर से केंद्र सरकार को उनके नाम से लगातार टीडीएस जमा किया जा रहा है, जिसके टैक्स के भुगतान के लिए उन्हें नोटिस दिया जा रहा है।
डॉक्टर डी रवि शेखर , वाइ कमला और अस्पताल अधीक्षक ने मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया है और उनके वेतन की करीब एक करोड़ 8 लाख रुपए हड़प लिए है। इस मामले में पुलिस में भी शिकायत की गई है।
क्या है पूरा मामला
डॉक्टर वाई आर कृष्णा की अगस्त 2020 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद डॉक्टर राजशेखर के भाई और मां ने मिलकर संपत्ति अपने नाम कर ली, जिन्होंने फर्जी वसीयत का इस्तेमाल किया, जबकि डॉ वाई आर कृष्णा ने मौत से पहले कोई वसीयत लिखा ही नहीं था। आरोप है कि मां और छोटे भाई ने तहसील में फर्जी वसीयत बनाया है कि उनकी संपत्ति का और कोई वारिस नहीं है जबकि डॉक्टर राजशेखर के साथ ही उनकी बहन पल्लवी भी परिवार की सदस्य है और डॉक्टर कृष्णा के बेटा बेटी है। वर्तमान में अस्पताल के तीन डायरेक्टर हैं, जिसमें डॉक्टर कृष्णा की पत्नी, वाई कमला, डॉक्टर राजशेखर और डॉक्टर रवि शेखर है। साथ ही अस्पताल की अधीक्षक डॉ सुधा राम है इधर किम्स के तीसरे डायरेक्टर डॉ रवि शेखर का कहना है कि उनके बड़े भाई राजशेखर भी अस्पताल के डायरेक्टर हैं । साथी वे अस्पताल में काम भी करते हैं ,लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों से उनकी दुर्व्यवहार के चलते उन्हें अस्पताल से हटा दिया गया है और वे वर्तमान में अवैतनिक डायरेक्टर है। संपत्ति विवाद को लेकर मामला कोर्ट में है।