जानिए आखिर पूरे देश में क्यों है नैला दुर्गा उत्सव के चर्चे , भव्य पंडाल, लेजर शो और देवी प्रतिमा ने सब का मन मोहा

इस बार छत्तीसगढ़ी ही नहीं बल्कि पूरे देश में नैला में आयोजित दुर्गा उत्सव चर्चा का विषय बना हुआ है। दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं ।इस वर्ष मां की आकर्षक प्रतिमा के अलावा भव्य पंडाल और लेजर शो आकर्षण बना हुआ है। माना जाता है कि पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे भव्य दुर्गा पूजा बिलासपुर में आयोजित होती है, इसकी तुलना तो बंगाल और रांची के दुर्गा उत्सव से की जाती है, लेकिन विगत कुछ वर्षों में नैला के दुर्गा उत्सव ने बिलासपुर के आयोजनों को भी पीछे छोड़ दिया है। इस बार भी जांजगीर चांपा के नैला में श्री श्री दुर्गा उत्सव सेवा समिति नैला की ओर से भव्य पंडाल बनाया गया है।

पंडाल को थाईलैंड के अरुण देव मंदिर का स्वरूप दिया गया है । यह पंडाल करीब 160 फीट ऊंचा और 150 फीट चौड़ा है। यहां पिछले 41 सालों से दुर्गा उत्सव मनाया जा रहा है मगर पिछले कुछ सालों से यहां की भव्यता पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय है। इस बार भी थाईलैंड के विश्व प्रसिद्ध शांति के प्रतीक अरुण देव मंदिर का आकार पंडाल को दिया गया है, जिसे बंगाल के कारीगरों ने महीनो के अथक परिश्रम से बनाया है। पंडाल की विशालता इतनी है कि एक बार में 1500 से ज्यादा भक्त मां दुर्गा के दर्शन कर सकते हैं, लेकिन फिर भी लोगों को दर्शन करने के लिए घंटो इंतजार करना पड़ रहा हैं । ऐसा इसलिए कि यहां पूरे प्रदेश से श्रद्धालु उमड़ रहे हैं।

पंडाल में मां दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है , जो पांच शेरो वाले रथ में सवार है। माता को सोना चांदी हीरा मोती जड़ित आभूषणों से सजाया गया है । इस प्रतिमा को भटगांव के कारीगरों ने निर्मित किया है। इस बार पंडाल की सुंदरता के साथ लेजर शो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बुर्ज खलीफा की तर्ज पर यहां हर शाम साउंड सिस्टम इफेक्ट के साथ लेजर शोक का आयोजन किया जाता है। बार-बार बदलती तस्वीर लोगों को रोमांचित करती है

पूरे प्रदेश में यह दुर्गा उत्सव चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग दूर-दूर से माता रानी के दर्शन और भव्य लेजर शो देखने पहुंच रहे हैं। भीड़ इतनी कि पंडाल में माता रानी तक पहुंचना भी संभव नहीं, लेकिन दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु कतार में लगकर माता रानी के दर्शन कर रहे हैं। पांच विशाल शेरों के स्वर्णिम रथ पर सवार मां दुर्गा की दिव्य छवि देखते ही बन रही है। पहले यहां पंचमी तिथि से आयोजन की शुरुआत होती थी लेकिन इस बार प्रतिपदा से ही माता रानी के दर्शन हो रहे हैं। पहले यह आयोजन रेलवे स्टेशन के समीप होता था लेकिन स्थान अभाव से इसे अग्रसेन भवन के सामने आयोजित किया जा रहा है और हर साल यहां भीड़ बढ़ती ही जा रही है। पहले लोग छोटे-छोटे कस्बों से बिलासपुर दुर्गा उत्सव देखने आते थे लेकिन अब बड़े-बड़े शहरों से लोग नैला में इस दिव्य पंडाल और मां के मनोहारी छवि के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

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