पूरे देश के साथ बिलासपुर में भी प्रथम आराध्याय भगवान गणेश के आगमन के साथ ही भव्य आयोजन कर उनकी पूजा अर्चना की जा रही है। सरकंडा क्षेत्र स्थित पाटलिपुत्र नगर में भी विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी गणेश उत्सव का आयोजन किया गया है, जहां हर संध्या कीर्तन भजन किया जा रहा है।
भगवान गणेश रिद्धि- सिद्धि, सुख समृद्धि के साथ बुद्धि के भी देवता है । एक बार जब भाई कार्तिकेय और उनके बीच प्रतिस्पर्धा हुई कि कौन सबसे पहले पूरे विश्व का भ्रमण करेगा तो अपने बुद्धि चातुर्य का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने संसार रूपी माता-पिता शिव पार्वती की परिक्रमा कर अपनी बुद्धि का परिचय दिया। कहते हैं बिना बुद्धि लक्ष्मी भी नहीं टिकती ।इसी कारण लक्ष्मी के साथ गणेश पूजन की परंपरा है। अपने इसी बुद्धि के बल पर ही भगवान गणेश ने प्रथम आराध्या होने का वरदान प्राप्त किया।
सनातन संस्कृति में सभी शुभ, मांगलिक कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की ही पूजा की जाती है । कहते हैं एक बार भगवान गणेश अपनी माता के साथ दक्षिण में रहने वाले अपने भाई कार्तिकेय से मिलने जा रहे थे तो दोनों का मिलन महाराष्ट्र में हुआ था। इसी कारण महाराष्ट्र में भव्य रूप से गणेश उत्सव मनाने की परंपरा है। वैसे बाल गंगाधर तिलक ने सार्वजनिक गणेश उत्सव को नया स्वरूप दिया जो धीरे-धीरे पूरे भारत में फैल गया। बिलासपुर में भी 100 वर्षों से अधिक समय से सार्वजनिक गणेश उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। सरकंडा क्षेत्र के लोयोला स्कूल रोड स्थित पाटलिपुत्र नगर में भी विगत 13 वर्षों से भव्य रूप से गणेश उत्सव मनाया जा रहा है।
कॉलोनी वासियों द्वारा मंदिर परिसर के पास भव्य पंडाल बनाकर 10 दिवसीय आयोजन किया जाता है, जिसमें प्रतिदिन कॉलोनी में रहने वाले अलग-अलग यजमान पूजा अर्चना में सम्मिलित होकर भोग प्रसाद भंडारे का वितरण करते हैं। इसी क्रम में बुधवार को दास परिवार ने यजमान की भूमिका निभाई । नरेंद्र दास और डॉक्टर धर्मेंद्र दास ने सपत्नीक पूजा अर्चना कर खिचड़ी भोग, खीर आदि का वितरण किया।
पाटलिपुत्र नगर गणेश उत्सव के अवसर पर प्रतिदिन इसी भांति पूजन, आरती की जा रही है, जिसमें कॉलोनी वासी यजमान की भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही उनके द्वारा विविध प्रकार के भोग गणपति को अर्पित कर उन्हें प्रसाद स्वरूप बांटा जा रहा है । इस अवसर पर प्रतिदिन संध्या को भजन कीर्तन का भी आयोजन हो रहा है, जिसका आनंद कॉलोनी में रहने वाले ले रहे हैं । गणेश पूजन के कारण यहां उत्सव का माहौल है।