श्रावण मास मे पीताम्बरा पीठ में 22 जुलाई से 19 अगस्त तक पारदेश्वर महादेव का होगा प्रतिदिन महारुद्र अभिषेकात्मक महायज्ञ , 06 जुलाई से 15 नवंबर तक हवनात्मक महायज्ञ में दी जाएगी 36 लाख आहुति

22 जुलाई से शुरु हो रहे श्रावण मास में श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर सुभाष चौक सरकंडा में श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का श्री महारूद्राभिषेकात्मक महायज्ञ प्रारंभ किया जा रहा है।22 जुलाई से लेकर 19 अगस्त तक श्रावण कृष्ण प्रतिपदा से प्रारंभ होकर श्रावण शुक्ल पूर्णिमा तक श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक नमक चमक प्रतिदिन प्रातः 9:00 बजे से मध्यान्ह 12:00 बजे तक मंदिर में किया जाएगा । इसके अलावा पीताम्बरा पीठ में 6 जुलाई से लेकर 15 नवंबर 2024 तक श्री पीताम्बरा हवनात्मक महायज्ञ भी चल रहा है जिसमें 36 लाख आहुति दी जाएगी।प्रतिदिन रात्रि 8:30 से रात्रि 1बजे तक हवनात्मक महायज्ञ श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी मंदिर में किया जा रहा है,एवं प्रतिदिन महाआरती रात्रि 12:45 को किया किया जा रहा है।

सावन के महीने में 22 जुलाई से 19 अगस्त तक भगवान भूतनाथ कैलाशवासी विश्वेश्वर की अनुकंपा से सदगुरुदेव प्रातः स्मरणीय ब्रह्मलीन परमपूज्य श्री 108 श्री स्वामी शारदानंद सरस्वती जी महाराज की कृपाछाया, महामंडलेश्वर श्री 108 श्री स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी महाराज के शुभ आशीर्वाद से बिलासा नगरी मे विश्व शांति एवं जन कल्याण के लिए श्री पीताम्बरा हवनात्मक यज्ञ एवं श्री महारुद्र अभिषेकात्मक महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश जी महाराज ने बताया कि सावन के महीने में 22 जुलाई से 19 अगस्त तक प्रतिदिन रुद्राभिषेक किया जाएगा जिसमें श्रद्धालु यजमान भी बन सकते हैं। पारद शिवलिंग में महारुद्र अभिषेकात्मक महायज्ञ में शामिल होकर पूजा अर्चना कर फल की प्राप्ति कर सकते हैं। इसके साथ ही कन्या पूजन भोजन तथा भंडारा में सहयोग भी कर सकते हैं।श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी मंत्र द्वारा सवा लाख यज्ञ के लिए संकल्प भी दे सकते हैं। पीतांबरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ.दिनेश जी महाराज ने बताया कि पीतांबरा पीठ में प्रतिदिन सावन के महीने में पूजा अर्चना की जाएगी।

धर्म शास्त्रों के अनुसार पारद शिवलिंग साक्षात भगवान शिव का ही रूप है इसलिए इसकी पूजा विधि विधान से करने से कई गुना फल प्राप्त होता है ।और हर मनोकामना की पूर्ति होती है, इसे कामना लिंग भी कहा जाता है । करोड़ों शिवलिंग की पूजा से जो फल प्राप्त होता है वह फल पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही प्राप्त हो जाता है।पारद शिवलिंग की विशेषता की जानकारी देते हुए पीठाधीश्वर आचार्य डॉ.दिनेश जी महाराज ने बताया कि पारद एक स्वयं सिद्ध धातु हैं। पारद शिवलिंग की पूजा से विभिन्न प्रकार के ग्रह दोष एवं सभी कष्टों का निवारण होता है । सभी प्रकार के तंत्र मंत्र स्वतः समाप्त हो जाते हैं । आस-पास मौजूद बुरी शक्तियों का नाश हो जाता है। पारस शिवलिंग की पूजा करने वाले साधक की रक्षा स्वयं महाकाल और महाकाली करते हैं। ब्रह्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति प्रतिदिन पारद शिवलिंग की दर्शन करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव के साथ ही माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। सुख,शांति,ऐश्वर्य,अर्थ,धर्म,काम, मोक्ष एवं विद्या की प्राप्ति होती है।

श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी की उपासना सभी प्रकार के कार्यों की सिद्धि हेतु के लिए की जाती है। विशेष रूप से वाद-विवाद ,शास्त्रार्थ, मुकदमे में विजय प्राप्त करने के लिए, अकारण कोई आप पर अत्याचार कर रहा हो तो उसे रोकने सबक सिखाने,बंधन मुक्त,संकट से उद्धार,उपद्रवो की शांति,ग्रह शांति, विवाह में आ रही समस्याओं के निराकरण,संतान प्राप्ति,ऋण मुक्ति, भय मुक्ति,परिवारिक विकास,सुख समृद्धि,ऐश्वर्य प्राप्ति,तंत्र बाधा, निवारण प्रतिस्पर्धा में विजय एवं सर्वज्ञ सफलता के लिए विशेष फलदाई है।

श्री पीताम्बरा पीठ मे त्रिदेव मंदिर में पीताम्बरा महायज्ञ एवं अभिषेकात्मक महायज्ञ मे शामिल होकर श्रद्धालु अपना जीवन धन्य कर सकते हैं एवं मनोइच्छित फल की प्राप्ति कर सकते हैं ।

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