

बिलासपुर में रेलवे की हठधर्मिता के कारण एक बार फिर से विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। असल में रेलवे के अधिकारियो की पोस्टिंग अक्सर बाहर से कुछ समय के लिए बिलासपुर में होती है और अक्सर उनके तुगलकी फरमान देखने को मिलते हैं। एक बार एक डीआरएम ने तो बिलासपुर में होने वाले वर्षों पुराने रावण दहन पर ही प्रतिबंध लगा दिया था, तो वहीं अक्सर यह रेलवे के अधिकारी इस बात के लिए उदार नहीं हो पाए कि रेलवे की जमीन से गुजरने वाली सड़कों से आम शहरी गुजरे। यही कारण है कि एक-एक कर रेलवे कॉलोनी और रेलवे क्षेत्र की सड़कों को आम नागरिकों के लिए बंद किया जा रहा है। इस बार तार बाहर क्षेत्र में स्थित एक सड़क को बंद करने का फरमान सुनाया गया। उर्दू स्कूल मैदान से तार बाहर खुदीराम बोस चौक को जोड़ने वाली सड़क पर रेलवे की काफी दिनों से नजर टेढ़ी है। पहले तो इस सड़क को बंद करने के लिए यहां लोहे के एंगल लगाए गए और इसके बाद अब इस सड़क को पूरी तरह बंद करने के लिए कर्मचारी पहुंच गए, जिसकी जानकारी होने पर स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे जिन्होंने बताया कि रेलवे परिक्षेत्र में रेलवे कॉलोनी और शहर की बस्तियां जुड़ी है। लोग मार्केट और अन्य जगह आने जाने के लिए इन्हीं सड़कों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन रेलवे प्रशासन द्वारा जनता को परेशान करने के लिए एक-एक कर मार्ग बंद किये जा रहे हैं। तारबाहर क्षेत्र के खुदीराम बोस चौक से रेलवे उर्दू स्कूल मैदान को जोड़ने वाली सड़क को भी बंद करने के लिए कर्मचारी पहुंचे तो बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने इसका विरोध किया।

रेलवे का दावा है कि इन मार्गों पर असामाजिक तत्वों का डेरा है, जिनके द्वारा लूटपाट की घटनाएं की जाती है तो वही इस सड़क से सटे क्षेत्र में ऐसे लोगों का बसेरा है जो धीरे-धीरे रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर रहे हैं। उन्हीं को रोकने के लिए रेलवे ने यह कदम उठाया है। इस मौके पर जुटे जनप्रतिनिधियों ने कहा कि रेलवे की सड़कों का इस्तेमाल स्कूली बच्चे भी करते हैं, क्योंकि इस मार्ग पर वाहनों का दबाव कम होता है और हादसे कम होते हैं। इन सड़कों को बंद कर देने से स्कूल के बच्चों को लंबी दूरी तय करनी होगी तो वही बुधवारी बाजार जाने के लिए भी पूरी तरह से घूम कर जाना होगा। कांग्रेस को भी बैठे-बिठाए इस बहाने एक मुद्दा मिल गया, जिन्होंने भी इसे आम लोगों को परेशान करने वाला कदम बताकर आंदोलन की बात कही है। हालांकि तमाम विरोधों के बावजूद अब भी रेलवे के अधिकारी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं, जिनका कहना है कि रेलवे क्षेत्र को विकसित करने के लिए ऐसे कदम उठाने जरूरी है। इस सड़क के बंद हो जाने से लोगों को आने जाने में काफी दिक्कत होनी है। किसी सड़क को केवल इसलिए बंद नहीं किया जा सकता क्योंकि कुछ लोग रेलवे की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। ऐसे लोगों को बल की मदद से खदेड़ने की जरूरत है ना कि रास्ते को बंद कर देना कोई समाधान है।