सोमवार को नए साल के जश्न के बीच अचानक प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप पर लंबी-लंबी कतार नजर आने लगी। दरअसल प्रदेश में बस और ट्रक ड्राइवरो की हड़ताल में पेट्रोल डीजल के साथ एलपीजी की सप्लाई रुकने की आशंका के चलते ऐसा हुआ। प्रदेश के ट्रक और बस चालक नए हीट एंड रन कानून का विरोध कर रहे हैं ।इसके चलते वर्ष के पहले दिन प्रदेश के लगभग सभी बड़े शहरों में बस और ट्रकों के पहिए थमें रहे। कई हाईवे पर ट्रक चालकों ने ट्रक खड़ा कर सड़क जाम कर दिया । ट्रक और बस चालकों ने धमकी दी है कि वे पेट्रोल डीजल और एलपीजी का परिवहन भी बंद कर देंगे। इनकी आपूर्ति बाधित होने की आशंका के चलते लोग पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने उमड़ पड़े। इधर खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है कि अति आवश्यक सेवाओं में शामिल पेट्रोल डीजल और एलपीजी की सप्लाई किसी भी सूरत में प्रभावित न होने दिया जाए ।डिपो से गाड़ियों के आने जाने को रोकने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की बात की जा रही है। सभी टोल नाकों पर इसके लिए इंतजाम किए गए हैं।
इधर ट्रक और बस चालको ने स्पष्ट किया है कि नए हिट एंड रन कानून के तहत भारी-भरकम सज़ा एवं जुर्माना होने को लेकर विरोध करेंगे, जिससे पेट्रोल, डीजल, सब्जी, दूध की सप्लाई पर असर पड़ेगा।

इधर कांग्रेस ने भी इस हड़ताल को समर्थन दिया है

छत्तीसगढ़ में करीब 2 लाख ट्रक चलते हैं जिससे जुड़े 4 से 5 लाख ड्राइवर और हेल्पर है। करीब करीब प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10 लाख से अधिक कर्मचारी इस हड़ताल से प्रभावित हो रहे हैं । वही प्रदेश में जरूरत की चीजों की सप्लाई भी बाधित हो सकती है। इधर ट्रक के साथ बस चालकों के भी हड़ताल पर होने और उनका कार्य टैक्सी वालों द्वारा प्रभावित किए जाने से आपस में झड़प की भी खबर है। सोमवार को बिलासपुर में भी रतनपुर हाईवे पर ट्रक बस खड़ा कर विरोध प्रदर्शन किया गया। ट्रक चालकों ने कहा कि वे प्रतिदिन ₹400 कमाते हैं। ऐसे में हादसे के दौरान भारी भरकम जुर्माना पटाना उनके बस का नहीं है।

कांग्रेस कर रही हड़ताल का समर्थन

रायपुर 1 जनवरी 2024। मोदी सरकार के अधिनायकवादी फैसलों के विरोध में ड्राइवरों के हड़ताल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अभय नारायण राय ने कहा है कि मन की बात करना और मनमानी थोपना केंद्र की मोदी सरकार का राजनीतिक चरित्र बन चुका है। निजी बीमा कंपनियों को मुनाफा पहुंचने के लिए जन विरोधी नीति थोपी गई है। वाहन चालक आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं होते हैं, की 10 लाख रुपए का जुर्माना पटा सके गरीब ड्राइवर पर दोहरी मार केंद्र की मोदी सरकार के फैसले से पड़ने वाली है एक तरफ भारी भरकम जुर्माना, दूसरी तरफ 7 साल जेल की सजा ऐसे में जब परिवार का कमाने वाला मुखिया एक ड्राइवर 7 साल के लिए जेल चला जाएगा तो उसके परिजनों का क्या होगा? उनका भरण पोषण कैसे होगा? केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा थोपे गए इस काले कानून से देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वाहन चालक वर्ग बुरी तरह से भयभीत है। दुर्घटना जानबूझकर नहीं होते नहीं होते, ऐसे में भारी भरकम जुर्माना और लंबी सजा का प्रावधान आम वाहल चालकों के सामर्थ्य से बाहर हैं, अमानवीय है, अव्यावहारिक है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अभय नारायण राय

ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र के मोदी सरकार लोकतंत्र को खत्म करने अमादा है। मोदी सरका को जब-जब जन विरोधी कानून पास करना होता है, तब-तब षडयंत्र पूर्वकy बिल पेश करने से पहले विपक्ष दल के सांसदों को सदन से बाहर कर दिया जाता है। जिस तरह से कोविड काल में बिना चर्चा, बिना बहस के पूंजीपति मित्रों के मुनाफे के लिए एक-एक दिन में 12-12 श्रमिक विरोधी कानून पास किया, ठीक उसी तरह से विगत दिनों विपक्ष के सांसदों को षड़यंत्र पूर्वक सदन से बाहर करके जन विरोधी काले कानून थोप दिए, उसी में से एक यह प्रावधान देश के गरीब वाहन चालकों के खिलाफ है। केंद्र की मोदी सरकार अहंकार छोड़कर गरीब ड्राइवरों की मांग पर तत्काल संज्ञान ले और नए कानून में संशोधन करें।

क्या है नया हिट एंड रन कानून

नए कानून के अनुसार अगर टक्कर मारने के बाद वाहन चालक मौके से भागते हैं तो नए कानून के तहत उन्हें सख्त सजा मिलेगी और अगर भी रुकते हैं तो संभव है की भीड़ उस पर हमला कर दे। यही कारण है कि प्रदेश के ट्रक चालक इस कानून का विरोध कर रहे हैं। नए कानून के अनुसार अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और गाड़ी चालक मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है । साथ ही उसे जुर्माना भी भरना पड़ेगा। पुराने कानून के अनुसार हिट एंड रन केस में 2 साल की सजा का प्रावधान था और जमानत भी मिल जाती थी लेकिन नए नियम के अनुसार अगर गाड़ी चालक टक्कर की सूचना पुलिस को दिए बगैर फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की सजा और भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है, जिसे लेकर ट्रक और बस चालक हड़ताल कर रहे हैं।

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