नवल वर्मा
तोरवा गुरुनानक चौक से आगे डिवाइडर से फिर एक कार टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। पिछले कुछ दिनों में यह 8 वी दुर्घटना है।
दरअसल गुरुनानक चौक से लेकर पैंडलवार अस्पताल के आगे तक सड़क पर डिवाइडर नहीं है। अचानक बीच सड़क में डिवाइडर प्रकट हो जाती है। यहां ना तो स्ट्रीट लाइट है और ना ही किसी तरह के संकेतक। खुली सड़क पर रात में डिवाइडर दिखता नहीं है, जिस कारण से कार और दूसरे वाहन डिवाइडर से टकरा जाते हैं। कुछ दिन पहले ही यहां एक होंडा सिटी कार टकराकर पलट गई थी, जिसमें आग भी लग गई थी। उस हादसे के बाद भी यहां किसी तरह का कोई सुधार नहीं किया गया। ना तो संकेतक लगाए गए, ना रेडियम और ना ही स्ट्रीट लाइट, जिस वजह से बुधवार को एक और कार डिवाइडर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई ।
गुरु नानक चौक की ओर से काले रंग की हुंडई कार जगमाल चौक की तरफ जा रही थी। चालक को भी डिवाइडर नजर नहीं आया और उनकी कार क्रमांक सीजी 10 BF 5665 डिवाइडर से जा टकरा गई। यह तो अच्छी बात थी कि कार सवारों ने सीट बेल्ट लगा रखा था, इसलिए दुर्घटना के बाद एयर बैग खुल गए फिर भी चालक के गर्दन में चोट आई है और उनका एक दांत टूट गया है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। दुर्घटना के बाद यहां लोगों की भीड़ लग गई। दुर्घटनाग्रस्त कार क्षतिग्रस्त हुई है और उनका उसका टायर फट गया है। कार दुर्घटना के बाद अचानक यहां कुछ लोग पहुंच गए जिन्होंने आनन-फानन में कार को हटाकर मामले को रफा-दफा किया।
इधर आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि यहां हर कुछ दिन के अंतराल में इसी तरह की दुर्घटना हो रही है। इसकी जानकारी यातायात विभाग से लेकर पीडब्ल्यूडी सभी को है, लेकिन यहां सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे है। यही पास में ही एक रेड लाइट सिग्नल लगा हुआ है, जिसे सड़क किनारे लगाने की बजाए डिवाइडर से पहले सड़क के बीचो-बीच लगाने की आवश्यकता है, ताकि लोगों को दूर से ही खतरे का आभास हो जाए। वही डिवाइडर से पहले रेडियम या फिर रेडियम बोर्ड लगाने की आवश्यकता है, नहीं तो ऐसी दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं लेंगे।