भाटापारा बलोदा बाजार नव पदस्थ एसडीओपी और पूर्व अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी आशीष अरोरा का वालीबॉल क्लब ने किया सम्मान, पुराने दिनों को भी किया याद

आकाश दत्त मिश्रा

तबादले के बाद एसडीओपी आशीष अरोरा ने 2 मार्च को बलौदा बाजार भाटापारा में पदभार ग्रहण किया। नवपदस्थ एसडीओपी आशीष अरोरा का बलौदाबाजार-भाटापारा जिला वालीबाल संघ सिमगा द्वारा पुलिस थाना के सामने स्थित वालीबाल मैदान में संघ के सभी पदाधिकारियों ने फूल-माला व आतिशबाजी के साथ स्वागत किया। वे 1996 में आयोजित राज्य स्तरीय वालीबाल प्रतियोगिता में भाग लेने सिमगा आये थे। उस समय के पुराने दिनों को याद करते हुए संघ के सचिव नितिन पाण्डेय ने बताया कि आशीष अरोरा भारतीय टीम के कप्तान थे। उन्हे एशिया के बेस्ट ब्लाकर के अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

पाण्डेय ने बताया कि आशीष अरोरा सबसे लम्बे समय तक भारतीय टीम के खिलाड़ी के साथ ही भारतीय टीम के कप्तान भी रहे। उक्त अवसर पर बलौदाबाजार जिला वालीबाल संघ अध्यक्ष अमरजीत सिंह भाटिया, सचिव नितिन पाण्डेय, सज्जन शर्मा, सुरज भावनानी, शंकर देवागन, आर्नेष्ट सालेम लाल, अत्रि शर्मा, आशुतोष शर्मा, ज्ञानेन्द्र सार्वा सहित अन्य इसके साथ ही पुलिस विभाग के मौजूद रहे।

जाने-माने वॉलीबॉल खिलाड़ी है आशीष अरोरा

वॉलीबॉल के पूर्व इंडियन कप्तान रहे,अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी,कद में महानायक अमिताभ बच्चन से भी ऊंचे हैं। साढ़े 6 फीट ऊंचाई के चलते पुलिस महकमे में अलग से पहचाने जाने वाले एसडीओपी बलौदाबाजार भाटापारा आशीष अरोरा वॉलीबाल के पूर्व इंडियन कैप्टन हैं। एशिया के सर्वश्रेष्ठ जूनियर प्लेयर का खिताब हासिल कर चुके अरोरा को मध्यप्रदेश सरकार ने विक्रम एवार्ड से नवाजा था। बाद में उन्हें छत्तीसगढ़ में गुंडाधुर पुरस्कार भी मिला। आशीष अरोरा वॉलीबाल में भारतीय टीम के कप्तान रह चुके हैं। 1999 से 2000 तक उन्होंने यह जिम्मेदारी निभाई। वॉलीबाल खिलाड़ी के रूप में उन्होंने 35 देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। एशिया के सर्वश्रेष्ठ जूनियर खिलाड़ी रह चुके अरोरा को इंडिया पुलिस में बेस्ट प्लेयर का भी खिताब मिल चुका है। एसआई से कैरियर की शुरुआत करने वाले अरोरा अब एसडीओपी हैं। वे कद में महानायक अमिताभ बच्चन से ऊंचे हैं। उनके पिता श्री संतलाल अरोरा भी क्रिकेट के रणजी खिलाड़ी रह चुके हैं।

वालीबाल खेल में जिंमी जार्ज अवार्ड से , अविभाजित मध्यप्रदेश में उन्हे विक्रम अवार्ड तथा छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद प्रथम गुंडाधर अवार्ड से भी छत्तीसगढ़ राज्य ने सम्मानित किया है।

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