

श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी को प्रसन्न करने के लिए पीताम्बरा यज्ञ 26 सितम्बर 2022से 4 अक्टूबर 2022 तक संपन्न होगा।
बिलासपुर सरकंडा स्थित श्री पीताम्बरा पीठ मांँ बगलामुखी देवी मंदिर में शारदीय नवरात्र पर्व की तैयारियां जोरों शोरों से की गई है।नवरात्र पर्व मांँ भगवती बगलामुखी की भक्ति एवं श्रद्धा विश्वास पूर्वक आराधना के साथ मनाया जा रहा है।26 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक मंदिर में श्री मनोकामना घृत ज्योति कलश 108 की स्थापना एवं ज्वारोपण अभिजीत मुहूर्त में किया जाएगा। श्री पीताम्बरा बगलामुखी देवी जपात्मक यज्ञ, सहस्त्रनाम पाठ,श्री दुर्गा सप्तशती पाठ ,श्री सूक्त षोडश मंत्र द्वारा अभिषेक आदि कार्यक्रम नवरात्र पर्व पर वैदिक ब्रह्मणों के द्वारा निरंतर चलता रहेगा, मंदिर के आचार्य श्री दिनेश चंद्र जी ने बताया कि
नवरात्रि के प्रथम दिन माँ ब्रम्हशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन श्रृंगार माँ के प्रथम
स्वरूप शैलपुत्री के रूप में किया गया।माँ शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण माता का नाम शैलपुत्री पड़ा। माता शैलपुत्री का जन्म शैल या पत्थर से हुआ, इसलिए इनकी पूजा से जीवन में स्थिरता आती है। मां को वृषारूढ़ा, उमा नाम से भी जाना जाता है। उपनिषदों में मां को हेमवती भी कहा गया है।
भगवती पीतांबरा शत्रु नाशक श्री बगलामुखी दसमहाविद्या में आठवीं महाविद्या है, यह माँ बगलामुखी की स्तंभय शक्ति की अधिष्ठात्री है इन्हीं में संपूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति का समावेश है माता बगलामुखी की उपासना से शत्रुनाश,वाकसिद्धि ,वाद विवाद में विजय प्राप्त होती है।इनकी उपासना से शत्रुओं का नाश होता है तथा भक्त सभी प्रकार की बाधा से मुक्त हो जाता है, बगलामुखी देवी के मंत्रों से दुःखों का नाश होता है।यह सभी कार्य श्री पीताम्बरा पीठ के आचार्य पं. दिनेश चंद्र पांडेय के मार्गदर्शन में संपन्न होगा।
