भारतीय रेलवे तेजी से कोयला परिवहन करने के लिए लगातार ट्रेनों को रद्द कर रहा है पिछले दिनों जहां भारतीय रेल ने 22 ट्रेनों को रद्द किया था जिसके बाद भारी विरोध को देखते हुए 7 ट्रेनों को वापस पुनः प्रारंभ किया गया लेकिन बुधवार को अचानक रेलवे ने फिर से निर्देश जारी करते हुए 20 ट्रेनों को रद्द कर दिया है इसमें 10 ट्रेनें एक्सप्रेस है और 10 ट्रेनें पैसेंजर है इन ट्रेनों के रद्द होने की वजह से पहले ही रेल यात्री परेशान थे उस पर गुरुवार को बिलासपुर रेल मंडल के ब्रजराजनगर में रेल रोको आंदोलन की वजह से बिलासपुर स्टेशन से होकर गुजरने वाली सभी ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों में रोका गया दरअसल ब्रजराजनगर रेलवे स्टेशन आजाद हिंद एक्सप्रेस मेल एक्सप्रेस और अहमदाबाद एक्सप्रेस के ठहराव की मांग क्षेत्रवासी कर रहे हैं जिसके लिए गुरुवार को वहां रेल रोको आंदोलन किया गया था इसका व्यापक असर भी देखने को मिला और हावड़ा मुंबई के इस मुख्य मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई बिलासपुर स्टेशन से होकर गुजरने वाली साउथ बिहार एक्सप्रेस उत्कल एक्सप्रेस हावड़ा मुंबई दूरंतो एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों में रोका गया अलग ही कुछ ट्रेनों को आउटर में रोक दिया गया

जिससे इस भीषण गर्मी में यात्रियों को भारी परेशान होना पड़ा जिसका नतीजा रहा कि साउथ बिहार एक्सप्रेस में सफर कर रहे यात्रियों ने तिल्दा के पास लंबे समय तक ट्रेनों को रोके जाने के कारण भारी हंगामा किया और रेल प्रशासन के खिलाफ गहरा आक्रोश जाहिर किया कुछ यही नजारा बिलासपुर स्टेशन में भी देखने को मिला जहां यात्री अपने तय समय से तो स्टेशन पहुंच गए थे लेकिन वहां पहुंचकर उन्हें ट्रेन के विलंब से आने की जानकारी दी गई कई यात्री तो सुबह 9:00 बजे ही स्टेशन पहुंच गए थे क्योंकि उन्हें साउथ बिहार एक्सप्रेस से आगे के लिए रवाना होना था लेकिन ट्रेन लगभग 2:00 बजे तक भी बिलासपुर स्टेशन नहीं पहुंची जिससे यात्रियों में खासा आक्रोश देखने को मिला

रेल प्रशासन के भी नाकाफी इंतजाम ने यात्रियों को भारी परेशान किया क्योंकि उन्हें ट्रेन के आगमन की सही जानकारी नहीं दी जा रही थी जिससे यात्री भी काफी परेशान हुए पहले से ही रेलवे ने विभिन्न ट्रेनों को रद्द कर यात्रियों को परेशानी में डाल रखा था

उसके बाद अब एक बार फिर इस रेल रोको आंदोलन ने तो ट्रेन परिचालन को अस्त-व्यस्त गुरुवार को कर दिया रेलवे का मानना है कि मौजूदा समय में कोयले के परिवहन करने के निर्देश दिए गए हैं लिहाजा जिन ट्रेनों को रद्द किया गया है वह अभी रद्द की रहेंगे तो वही आगे जो भी निर्णय रेलवे बोर्ड से प्राप्त होगा उसे यहां फॉलो किया जाएगा गौरतलब है कि बिलासपुर रेल मंडल से प्रतिदिन लगभग डेढ़ सौ रैक माल गाड़ियों से माल लदान किया जा रहा है यही वजह है कि रेलवे पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर रही है जिससे माल गाड़ियों की आवाजाही को बढ़ाया जा सके लेकिन इसकी वजह से ट्रेनों को रद्द किया जाना यह कितना उचित है यह तो रेल प्रशासन ही बता पाएगा लेकिन एक बात तो स्पष्ट है कि रेलवे को यात्री परिवहन से ज्यादा माल लदान की प्राथमिकता है तभी तो वह यात्रियों से ज्यादा माल लदान को प्राथमिकता दे रहा है

अगर देश के बिजली प्लांट में कोयले की कमी है तो इसे कोई वैकल्पिक व्यवस्था से भी पूरा किया जा सकता था लेकिन रेल प्रशासन ने यात्री ट्रेनों को ही रद्द करने की विचार व्यवस्था मानी और ट्रेनों को रद्द कर दिया हालांकि ट्रेनों के रद्द होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री सहित जनप्रतिनिधियों ने भी इस पर कड़ा ऐतराज जताया था लेकिन रेल प्रशासन ने इसे दरकिनार करते हुए अपनी व्यवस्था के अनुसार ही परिचालन करने का निर्णय लिया जो अब दिखने भी लगा है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!