पखांजुर से बिप्लब कुण्डू-
पखांजुर
ज्ञात हो की वर्ष 2015-16 में किसानो को सिचाई सुविधा को मध्यनजर रखते हुए जल संसाधन विभाग द्वारा प्रतापपुर कोटरी नदी में विशालकाय स्टाप डेम का निर्माण करवाया गया था जिससे वर्त्तमान में 250-300 हेक्टर भूमि की सिचाई किसान कर रहे हैं इस भीषण गर्मियों में जहा सभी नदी नाले सूखे पड़े रहते हैं वही कोटरी नदी में लावालब पानी भरे रहने से किसानो के चेहरे हसमुख दिखाई देते हैं किसान मृदुल मंडल नागसाय नेताम दीपक बड़ाई ने कहा जल संसाधन विभाग की जितनी प्रसंसा की जाये उतनी कम हैं यह पानी से लगभग एक हजार से पंद्रह सौ एकड़ भूमि की सिचाई हो रही हैं कोई विद्युत मोटर तो कोई सौर उर्जा मोटर से मक्का धान ज्वर गेहू तरबूज ककड़ी कद्दू की फसल का सिचाई कर रहे हैं बीते वर्ष अल्प वर्षा होने से स्टाप डेम के समीप किसानो को कोई परेशानी नहीं हुई क्यूंकि वे बड़ी आसानी से अपने फसल को सिचाई कर दुगुने मुनाफा कर चुके थे ! प्रतापपुर में निर्मित स्टाप डेम किसानो को लिए वरदान ! वही विभागीय अधिकारी ने कहा सिर्फ सिचाई नहीं बल्कि भू-जलस्तर का भी किसानो को फायदा पहुच रहा हैं स्टाप डेम में पानी थमा रहने से आस-पास के गावं में लगे ट्यूबेल बोरिंग में पानी का लेबल बहुत बड जाता हैं जिससे नदी किनारे से दूर किसानो को भी इसका फायदा मिलती हैं स्टाप डेम रवि औए खरीफ दोनों सीजन में किसानो को सिचाई के लिए काम आता हैं यह तक की जिव जंतु तो बहुत बड़ी रहत मील रही हैं ऐसे ही आस-पास के जंगलो में जो विलुप्त हो चुके हिरण भी देखे जा रहे हैं पीव्ही 72 के एक ग्रामीण ने हिरण का बच्चे को पाल कर बड़ा बनाया जो हिरण इस क्षेत्र से विलुप्त हो चुके थे क्यूंकि पूरा अंचल सूखे में तब्दील हो जाता था अब अपनी देख कई तरह के जिव-जंतु स्टाप डेम के समीप आ रहे हैं !
देवदाश मंडल,रवि कुजूर,चैतुराम मांडवी ने कहा स्टाप डेम से फिरफ सिचाई नहीं बल्कि मत्स्य घोट का कार्य भी होता हैं वर्त्तमान में प्राय फीडिंग युक्त मछली मिलती हैं मगर यह प्रकृति की दें हैं इस विशाल डेम में बड़े-बड़े मछली पकड़कर लोग अपना रोजी रोटी व् खाने में उपयोग करते हैं प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में यह मछली पकड़ने वालो की लाइन लगती हैं दूर दराजो से पानी की शीतलता व् सुन्दरता देख गर्मियों के सीजन में सैलानी पिकनिक मानाने यह स्टाप डेम के समीप पहुच कर आनंद उठाते हैं !
इस संम्बध में एस.डी.ओ. आर.एल.धीवर ने बतलाया स्टाप डेम के निर्माण से किसान लाभांवित हो रहे हैं जो रवि और खरीफ फसलो को देख कर अनुमान लगा सकते हैं लगभग एक हजार भूमि पे सिचाई हो रही हैं
इससे जिव-जंतु व् आस-पास के ग्रामीणों को भू-जलस्तर बड़ने से लाभ मील रहा हैं !